शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर स्थित वॉटर स्टोरेज टैंक की दरारें को भरने का कार्य शुरु
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 08-09-2020
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर स्थित वॉटर स्टोरेज टैंक की दरारें को भरने का कार्य शुरु हो गया है। करीब 100 साल पुराने वॉटर स्टोरेज टैंक की मरम्मत के लिए दिल्ली की कंपनी ने कार्य शुरु कर दिया है।
सोमवार को कम्पनी ने टैंक की दरारों को भरने के लिए बैरिकेडिंग कर दी है. स्विट्जरलैंड बेस्ड कंपनी टैंक की मररमत पर करीब एक करोड़ 80 लाख रुपए खर्च करेगी, जिसके लिए विशेषज्ञों की सहायता ली जाएगी।
बता दें कि अंग्रेजों के जमाने का वॉटर स्टोरेज टैंक रिज मैदान के बीचोंबीच स्थित है, जिसमें हर वक्त करीब 5 एमएलडी पानी को स्टोर करने की क्षमता है। जिसे शहर के पॉश क्षेत्रों यूएस क्लब, राम बाज़ार,लोअर बाज़ार और चौड़ा मैदान और नाभा, फागली, टूटीकंडी,रामनगर, कृष्णा नगर ,कैथू क्षेत्रों में वितरित किया जाता है।
टैंक के भीतर नौ चेंबर हैं, जिसमें चार चेंबर में दरारें पड़ चुकी हैं। साल 2017 में पहली बार इस टैंक के भीतर टैंक की सफाई के दौरान इसमें दरारें नजर आई थी।
जिसके बाद निगम ने इन दरारों पर ज्यादा गम्भीरता नहीं दिखाई, लेकिन टैंक के भीतर बढ़ती दरारों को लेकर अब जाकर शिमला जल निगम ने संज्ञान लिया और विभिन्न टेक्निकल एक्सपर्ट की राय लेकर इन दरारों को भरने का निर्णय लिया गया।
दरारों को भरने के लिए पंजाब और दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज के विशेषज्ञ की राय ली गई। जिसके बाद शिमला जल निगम ने अब दिल्ली की कम्पनी को इन दरारों को भरने का जिम्मा सौंपा गया है, जो दो माह के भीतर इन दरारों को भरेगी।
इस कार्य पर करीब एक करोड़ 80 लाख रुपए खर्च किया जाएगा, ताकि बढ़ती दरारों को बंद किया जा सके. शिमला जल निगम के एजीएम महमूद शेख ने बताया कि सबसे पुराने वॉटर टैंक में दरारें पड़ना जल निगम की चिंता को बढ़ा रही थी, जिसे भरने के लिए एक साल पहले से प्रक्रिया चल रही थी जिसे अब अंजाम दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जिस तरीके से वॉटर टैंक को बनाया गया है, उसी तरीके से इन दरारों को भरने के लिए कई टेक्निकल कॉलेज के विशेषज्ञ से राय ली गई है और अब दिल्ली की कंपनी को इन दरारों को भरने का कार्य सौंपा गया है।
यह कार्य शुरु हो चुका है जिसे दो माह के भीतर पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रिज टैंक से जिन क्षेत्रों के लिए पानी की आपूर्ति की जाती थी। उन क्षेत्रों के लिए मुख्य पाइप से ही पानी की आपूर्ति की जाएगी।
पानी की आपूर्ति के लिए सुबह चार बजे से लेकर शाम सात बजे तक अलग अलग समय पर पानी छोड़ा जाएगा। पानी की आपूर्ति के लिए सभी क्षेत्रों के लिए समय में बदलाव किया गया है।