शिमला के कोरोना समर्पित अस्पताल रिपन में ऑक्सीजन प्लांट बनाने का काम जोरों पर

शिमला के कोरोना समर्पित अस्पताल रिपन में ऑक्सीजन प्लांट बनाने का काम जोरों पर

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   25-12-2020

राजधानी शिमला के कोरोना समर्पित अस्पताल रिपन में ऑक्सीजन प्लांट बनाने का काम जोरों पर चल रहा है। रिपन परिसर में यह प्लांट स्थापित किया जा रहा है। परिसर में पार्किग की जगह खाली करने के बाद जगह उपलब्ध करवाई गई है। 

मौजूदा समय तक रिपन अस्पताल को ऑक्सीजन की सप्लाई आइजीएमसी या नेरचौक मेडिकल कॉलेज से मंगवानी होती है।

ऑक्सीजन की उपलब्धता कम होने के कारण सिलिडरों के ऑर्डर देरी से पहुंचते थे। ऐसे में मरीजों को आइजीएमसी रेफर करने की नौबत पड़ जाती है।

रिपन अस्पताल के एमएस डा. रमेश चौहान का कहना है कि अस्पताल परिसर में इसी महीने ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर दिया जाएगा।

नए साल से प्लांट में ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसके बाद सरकार स्थापित किए गए प्लांट का निरीक्षण करेगी। 

उन्होंने बताया कि रिपन अस्पताल में आमतौर पर 100 से 120 कोरोना पॉजिटिव मरीज इलाज करने के लिए दाखिल रहते हैं। इनमें से 80 फीसद मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत रहती है। 

कई बार ऑक्सीजन की कमी पूरी करना मुश्किल हो जाता थ। अपना प्लांट स्थापित होने से यह समस्या दूर हो जाएगी। शहरी विकास मंत्री ने दिए थे अपना प्लांट लगाने के निर्देश

शिमला में कोरोना का फैलाव तेजी से बढ़ रहा है। इसी बीच जब रिपन में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही थी और उन्हें ऑक्सीजन की अधिक जरूरत पड़ रही थी तो शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वज ने अस्पताल प्रबंधन व स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक की थी। 

बैठक में आइजीएमसी से ऑक्सीजन की कमी पूरा करने के कहा गया था। उन्होंने रिपन अस्पताल प्रशासन को अपना प्लांट स्थापित करने के निर्देश दिए थे। अब आइजीएमसी की तर्ज पर रिपन के पास अपना ऑक्सीजन प्लांट होगा। मरीज को इसलिए पड़ती है ऑक्सीजन की जरूरत

कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ऑक्सीजन की अधिक जरूरत तभी पड़ती है जब वह कोरोना के गंभीर संक्रमण से ग्रसित हो या उसे कोरोना के साथ कोई अन्य गंभीर बीमारी हो। ऐसे में संक्रमण फेफड़े में कम समय में गुणा होकर फैल जाता है और मरीज को सांस की दिक्कत पेश आती है। 

मौजूदा समय में जिन मरीजों का ऑक्सीजन लेवल 90 या 95 से अधिक होती है ऐसे मरीजों को घर पर रहकर आइसोलेट करने की सलाह दी जाती है लेकिन ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण उन्हें तुरंत अस्पताल में दाखिल करवाया जाता है।