शिमला नगर निगम आरक्षण रोस्टर के खिलाफ हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल, कल होगी सुनवाई
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला नगर निगम चुनाव के लिए आरक्षण रोस्टर को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता पार्षद किमी सूद की याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई सोमवार को होगी। याचिका में आरोप
यंगवर्ता न्यूज़ - शिमला 02-04-2023
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला नगर निगम चुनाव के लिए आरक्षण रोस्टर को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता पार्षद किमी सूद की याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई सोमवार को होगी। याचिका में आरोप लगाया है कि आरक्षण रोस्टर के मापदंड गैर कानूनी हैं। किसी जाति, लिंग और धर्म विशेष के आधार पर आरक्षण के लिए मापदंड तय करना संविधान के विपरीत है।
इस तरह किए गए वार्ड आरक्षित आरोप है कि आरक्षण रोस्टर में महिलाओं की कम जनसंख्या वाले वार्डों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। इसके अलावा 3 वार्ड अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। 14 वार्ड अनारक्षित कर दिए हैं। रोस्टर के अनुसार भराड़ी, समरहिल, बालूगंज, जाखू, बैनमोर, इंजनघर, अपर ढली, शांति विहार, भट्ठाकुफर, सांगटी, छोटा शिमला, कंगना धार, पटयोग और कनलोग वार्ड अनारक्षित हो गए हैं।
इस बार इन वार्डों से पुरुष उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में उतर सकेंगे। राजधानी में नगर निगम चुनाव को लेकर वार्डों का आरक्षण रोस्टर जारी हो गया है। कुल 34 में से 6 वार्ड अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इन 6 में 3 वार्ड अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित किए गए हैं। इनमें अनाडेल नाभा और विकास नगर शामिल हैं।