हैरतअंगेज : स्नातकोत्तर के बाद पास की दसवीं की परीक्षा, आरटीआई से खुलासा

हैरतअंगेज : स्नातकोत्तर के बाद पास की दसवीं की परीक्षा, आरटीआई से खुलासा

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 09-08-2020

आईआईटी मंडी में तैनात एक कनिष्ठ अधीक्षक के पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद आईआईटी में कार्यरत होते हुए दसवीं परीक्षा पास करने का मामला सामने आया है। इसका खुलासा एक आरटीआई के तहत ली गई सूचना से हुआ है। आईआईटी के ही एक पूर्व कर्मचारी आरटीआई के तहत इसकी सूचना मांगी थी।

वर्ष 2007 में कर्मचारी ने इग्नू से ग्रेजुएशन की। इग्नू में दाखिला लेने के लिए उसने इग्नू से ही 6 महीने का बीपीपी कोर्स किया। यह कोर्स इग्नू के बीए व बीकॉम ग्रेजुएशन प्रोग्राम के प्रथम वर्ष में दाखिले के लिए उन विद्यार्थियों के लिए जरूरी होता है, जिन्होंने दसवीं या 12वीं पास नहीं की हो।

यह कोर्स किसी भी रूप में दसवीं के समकक्ष नहीं माना जाता। उसके बाद वर्ष 2012 में महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक से एमबीए किया। एमबीए कोर्स से जुड़े दस्तावेजों में भी हैरानी की बात है कि अधिकारी का परीक्षा परिणाम 8 जनवरी, 2015 को जारी हुआ एवं उसके मार्क्स शीट जारी होने की तारीख 31 जनवरी, 2015 रही।

वहीं एमबीए का प्रोविजनल सर्टिफिकेट नवंबर, 2014 में ही जारी हो चुका था। पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद अक्टूबर, 2015 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से दसवीं पास की, जबकि 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बारे में अभी कोई जवाब स्पष्ट नहीं है।

आईआईटी प्रबंधन ने कहा कि कर्मचारी के पास जॉब की योग्यता के अनुसार डिग्री है। इग्नू छात्रों को ब्रिज कोर्स के साथ औपचारिक शिक्षा के बिना स्नातक में प्रवेेश देता है।

आरटीआई एक्टिविस्ट और आईआईटी के पूर्व कर्मचारी सुजीत स्वामी ने 2 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में दाखिले के लिए 12वीं तक की स्कूली शिक्षा के साथ ग्रेजुएशन जरूरी है।

उन्होंने आईआईटी मंडी में आरटीआई के तहत दायर याचिका में एक अधिकारी की दसवीं, 12वीं, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन किस वर्ष में एवं किस विद्यालय व विश्वविद्यालय से की, इसके बारे में जानकारी मांगी थी। उन्होंने बताया कि उक्त कर्मचारी के पिता भी आईआईटी से बतौर अधिकारी रिटायर्ड हैं और माता वर्तमान में भी आईआईटी में हैं।