शिमला-मटौर फोरलेन को धरातल पर उतारने की कवायद शुरू, 1100 करोड़ होंगे खर्च

शिमला-मटौर फोरलेन को धरातल पर उतारने की कवायद शुरू, 1100 करोड़ होंगे खर्च

यंगवार्ता न्यूज़ - बिलासपुर   04-04-2021

बहुप्रतीक्षित शिमला-मटौर फोरलेन को धरातल पर उतारने की कवायद शुरू हो गई है। इस फोरलेन के पैकेज-5 बी रानीताल से कांगड़ा तक 18 किलोमीटर लंबे पैच का टेंडर गाबर इंडिया कंपनी को मिला है। 

इस पर लगभग 1100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहले यह टेंडर 900 करोड़ में होना था। इसकी लागत 200 करोड़ रुपये बढ़ गई।

कंपनी को यह कार्य ढाई साल में पूरा करना होगा।  करीब दस हजार करोड़ की लागत से बनने बाले इस फोरलेन की टेंडर प्रक्रिया दो-तीन साल से अटकी थी।

एक समय तो नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने इसकी ज्यादा लागत का हवाला देकर इसके निर्माण से इनकार कर इसे राज्य लोक निर्माण विभाग को देने का आग्रह किया था। 

इसके बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रयासों से केंद्र ने इसे एनएचएआई को ही सौंपा। शिमला-मटौर फोरलेन के परियोजना निदेशक वाईए राउत ने बताया कि 5बी पैकेज का टेंडर गाबर कंपनी को मिला है। इसके बाद अन्य पैकेज की टेंडर प्रक्रिया में भी तेजी लाई जाएगी।

फोरलेन के कार्य को पांच पैकेज में बांटा गया है। 223 किलोमीटर लंबे इस सड़क मार्ग के बन जाने से इसकी दूरी 43 किलोमीटर घटेगी। फोरलेन बन जाने पर चार घंटों में शिमला से मटौर का सफर पूरा होगा। 

तीन साल पहले वर्ष 2018 में इस फोरलेन की लागत पांच हजार करोड़ रुपये थी। टेंडर प्रक्रिया समय पर न होने के कारण साल 2021 में इसकी लागत बढ़कर 10 हजार करोड़ पहुंच गई है। 

इस फोरलेन को शिमला-शालाघाट पैकेज 1, शालाघाट-भराड़ीघाट पैकेज 2, भराड़ीघाट-हमीरपुर पैकेज 3, हमीरपुर-जवालामुखी पैकेज 4 और ज्वालामुखी-मटौर पैकेज 5 में बांटा गया है।

40 किमी लंबे पैकेज 5 की लागत ज्यादा होने के कारण इसे दो भागों में 900-900 करोड़ में बांटा था। अब इसकी लागत बढ़ जाएगी।