प्रशिक्षण लेकर अपने हक के लिए सरकार से बार-बार गुहार लगा रहे अध्यापक
यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब 04-04-2021
बेरोजगार कला और शारीरिक अध्यापक सरकार द्वारा वर्ष 2005 से 2009 तक एससीवीटी के माध्यम या उससे पहले किसी अन्य राज्य से कला और शारीरिक अध्यापक का प्रशिक्षण लेकर अपने हक के लिए सरकार से बार-बार गुहार लगा रहे हैं।
सरकार ने अपने कार्यकाल में एक भी पद कला और शारीरिक अध्यापक का नहीं भरा है। जहां भी मुख्यमंत्री का कार्यक्रम व जनमंच इत्यादि होता है यह सभी बेरोजगार कला और शारीरिक अध्यापक उनके कार्यक्रम में यह आस लगाकर उनसे मिलने चले आते थे और उन्हें हर बार झूठे आश्वासन देकर यह टाल दिया जाता था कि पदों को जरूर भरा जाएगा, लेकिन आज तक एक भी पद नहीं भरा गया।
अभी हाल ही में शिक्षा विभाग ने 500 कला और 500 शारीरिक अध्यापकों के पदों को मंजूरी के लिए वित्त विभाग के पास भेज दिया था। वित्त विभाग प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास ही है, लेकिन उस पर कार्रवाई हुई या नहीं इसका कोई पता नहीं चल पा रहा है।
बीते छह मार्च को मुख्यमंत्री ने अपना बजट पेश किया उसमें भी शिक्षा विभाग में चार हजार पद भरने की अनुमति दी गई, लेकिन उसमें भी कला और शारीरिक अध्यापकों के पदों को सरकार भरेगी या नहीं भी कोई मालूम नहीं है। बेरोजगार कला अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश भारद्वाज का कहना है कि सरकार ने अपने कार्यकाल में एक भी कला और शारीरिक अध्यापकों का पद नहीं भरा है।
सरकार ने आज से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है जिसका वह स्वागत करते हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कला का ज्ञान को ज्यादा महत्व दिया गया है। प्रदेश के स्कूलों में कला के 1717 और शारीरिक अध्यापकों के 1881 पद खाली चल रहे हैं। सभी बेरोजगार कला अध्यापक और शारीरिक अध्यापकों ने निराश होकर शिमला में सड़कों में उतरकर सरकार के खिलाफ एक जन आक्रोश रैली भी की, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिल सका।
वहीं शारीरिक अध्यापक के उपाध्यक्ष संदीप का कहना है कि शिक्षा का अधिकार 2009 में कहा गया है कि जहां 100 बच्चे होंगे वहां अध्यापक होने अनिवार्य हैं। उन्होंने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों को देखते हुए खाली कला और शारीरिक अध्यापकों के पदों को सरकार जल्द भरें। बेरोजगार कला और शारीरिक अध्यापक संघ के सदस्यों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जल्द ही सभी खाली पद भरे जाएं।