शिव शक्ति के आगे बोनी साबित हुई जल प्रलय , पंचवक्त्र मंदिर का बाल बांका न कर पाई बाढ़

रावण रचित शिव तांडव स्त्रोत का मंत्र बताता है कि महादेव ही सृष्टि सर्वव्यापी हैं। कुछ ऐसी ही शिव की शक्ति इन दिनों छोटी काशी से पूरी दुनिया देख रही है। मंडी शहर से समेत पूरे जिला में भयंकर बरसाती बाढ़ ने कहर बरपाते हुए अरबों रुपए की संपत्ति को बहा दिया, लेकिन एक सेकंड में दो लाख क्यूसेक पानी ले जाने वाली बाढ़

शिव शक्ति के आगे बोनी साबित हुई जल प्रलय , पंचवक्त्र मंदिर का बाल बांका न कर पाई बाढ़

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी  12-07-2023

रावण रचित शिव तांडव स्त्रोत का मंत्र बताता है कि महादेव ही सृष्टि सर्वव्यापी हैं। कुछ ऐसी ही शिव की शक्ति इन दिनों छोटी काशी से पूरी दुनिया देख रही है। मंडी शहर से समेत पूरे जिला में भयंकर बरसाती बाढ़ ने कहर बरपाते हुए अरबों रुपए की संपत्ति को बहा दिया, लेकिन एक सेकंड में दो लाख क्यूसेक पानी ले जाने वाली बाढ़ मंडी शहर के पंचवक्त्र महादेव मंदिर का बाल बांका न कर पाई। 
 
 
28 सालों बाद ब्यास नदी ने जब एक बार फिर से रूद्र रूप धारण किया, तो मंडी में हालात बद से बदतर हो गए। 48 घंटे से ज्यादा बरसी इस आफत की बारिश से जहां सभी नदी नाले उफान पर थे तो वहीं खतरे के निशान से कहीं ऊपर जाकर बह रही ब्यास अपने साथ सब कुछ बहा कर ले गई, लेकिन ब्यास के तांडव के बीच मंडी शहर में सुकेती और ब्यास के संगम पर बने पंचवक्त्र मंदिर को आंच भी नहीं आई है। 
 
 
यह मंदिर आधे से ज्यादा ब्यास नदी में डूब गया था और इसका ऊपर का ही हिस्सा डूबने से बचा था। करीब दो लाख क्यूसेक पर सेकंड पानी पंडोह डैम से छोड़े जाने के बावजूद ब्यास नदी में उठी लहरें पंचवक्त्र का कोई नुकसान नहीं कर पाई। अब मंदिर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और केदारनाथ मंदिर से इसकी तुलना हो रही है। मान्यता है कि पंचवक्त्र महादेव मंदिर की स्थापना मंडी के शासक अजबर सेन ने की थी। 
 
 
मन मोहन की किताब हिस्ट्री ऑफ द मंडी स्टेट में जिक्र है कि 1717 में ब्यास में आई बाढ़ में इस मंदिर को नुकसान पहुंचा और पंचमुखी शिव प्रतिमा बह गई। बाद में राजा सिद्ध सेन (शासनकाल 1684 से 1727) ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाकर नई प्रतिमा प्रतिष्ठित की, लेकिन पुरानी प्रतिमा का क्या हुआ आज तक रहस्य है। मंडी से कुछ किलोमीटर दूर ब्यास नदी के किनारे जोगिंद्रनगर के लांगणा क्षेत्र में पंचमुखी शिव मंदिर है।