सेब का जूस निकालने के बाद उसके बचे व्यर्थ कागज का उत्पादन में होगा इस्तेमाल जानिए कैसे 

सेब का जूस निकालने के बाद उसके बचे व्यर्थ कागज का उत्पादन में होगा इस्तेमाल जानिए कैसे 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   13-05-2021

हिमाचल के स्वादिष्ट सेब से अब कागज भी तैयार किया जा सकेगा। सेब का जूस निकालने के बाद उसके बचे व्यर्थ का कागज उत्पादन में इस्तेमाल होगा। इसके लिए राज्य सरकार मुंबई की एक निजी कंपनी के साथ करार करेगी। 

अगर यह प्रयोग सफल होता है तो देश में कागज तैयार करने के लिए पेड़ों की ज्यादा बलि नहीं चढ़ेगी और इससे पर्यावरण संतुलन भी बनेगा। अभी तक सेब के व्यर्थ को वैज्ञानिक तरीके से ठिकाने लगाने की कोई व्यवस्था नहीं है।

सेब से जूस निकालने के बाद व्यर्थ से सिर्फ बीज अलग करके नए पौधे तैयार किए जाते रहे हैं और शेष का इस्तेमाल नहीं होता था। इस व्यर्थ को ठिकाने लगाने का भी काम आसान नहीं होता था, 

लेकिन अब राज्य सरकार एक कंपनी से करार करके सेब के व्यर्थ का सही इस्तेमाल कर कागज तैयार करेगी। बताते हैं कि प्रदेश सरकार के अधिकारी मुंबई की एक कंपनी से शीघ्र समझौता करने वाले हैं।

 सरकार का उपक्रम एचपीएमसी सिर्फ सी ग्रेड का सेब खरीद कर करीब 800 से 1300 मीट्रिक टन सेब जूस हर साल तैयार करता है। इसके बाद सेब का व्यर्थ भी टनों के हिसाब से निकलता है। 

अभी तक इससे सिर्फ बीज निकालकर अलग किए जाते हैं ताकि नए पौधे तैयार किए जा सकें। बाकी व्यर्थ का उपयोग नहीं होता है। अब इसका कागज बनाया जाना है। 12 किलो सेब से एक किलो कंसंट्रेट जूस तैयार होता है। 

आंकड़ों के अनुसार जूस निकालने के बाद सेब के व्यर्थ में 2 से 4 फीसदी तक बीज निकलते हैं। एक फीसदी सेब की छोटी टहनियां और शेष 95 फीसदी सेब का पल्प रहता है।

जूस निकलने के बाद सेब के बचे व्यर्थ से कागज बनाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इस संबंध में एक कंपनी से बात चल रही है और सरकार इसके लिए समझौता करेगी। - राजेश्वर गोयल, प्रबंध निदेशक, एचपीएमसी