सेब के दामों में गिरावट आने से उचित दाम न मिलने से बागवान परेशान

हिमाचल प्रदेश सेब बाहुल राज्य होने के कारण यहां की आर्थिकी को सुद्रढ़ करने के लिए सेब अहम योगदान है। जिला शिमला की बात की जाए तो 80% सेब की पैदावार यहां से होती है। आंकड़ो की माने तो हिमाचल में इस बार सेब का कुल कारोबार छह हजार करोड़ रुपये पार होने के आसार

सेब के दामों में गिरावट आने से उचित दाम न मिलने से बागवान परेशान

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला       26-08-2022

हिमाचल प्रदेश सेब बाहुल राज्य होने के कारण यहां की आर्थिकी को सुद्रढ़ करने के लिए सेब अहम योगदान है। जिला शिमला की बात की जाए तो 80% सेब की पैदावार यहां से होती है। आंकड़ो की माने तो हिमाचल में इस बार सेब का कुल कारोबार छह हजार करोड़ रुपये पार होने के आसार हैं। 

हालांकि कारोबार बढ़ेगा और शुद्ध मुनाफा कम हो जाएगा। इसकी वजह यह है कि उत्पादन लागत लगातार बढ़ रही है। उत्पादन लागत बढ़ने के साथ अब जहां सेब सीजन चरम सीमा पर है वहीं दामों में गिरावट आने से बागवान परेशान है।

शिमला के भट्टाकुफ़्फ़र फल मंडी की बात की जाए तो बेहतर क्वालिटी का सेब आज लगभग 1800 रुपये बिका।वहीं बागवानों का कहना है कि आये दिन लागत बढ़ती जा रही है और उन्हें दाम उचित नही मिल रहे है।

आढ़तियों का मानना है कि आने वाले दिनों में कश्मीर जे सेब की दस्तक के साथ ही और दामों में गिरावट आ सकती है और अभी बाज़ार में गिरावट देखने को मिलेगी।

सेब बेचने आये धर्म प्रकाश ने कहा कि वह 40 वर्ष बागवानी से जुड़े हैं और आये दिन खादों और कीटनाशकों के दामो में बढ़ोतरी हो रही है,एक पेटी में लगभग 500रुपये खर्चा आता है वहीं  अदानी और अम्बानी ने जो सेब के दाम तय किये है उससे भी बागवानों को घाटा हो हो रहा है।

उन्होंने कहा कि यह बड़ी कम्पनियां 75 रुपये सेब खरीद कर उसे 250 रुपये में बेचते हैं।सरकार का उस पर कोई चेक नही है ।सरकार को चाहिए कि इस पर पूरा चेक रखे जिससे बागवानों को उनकी फसल का दम मिल सके।उन्होंने कहा कि कम्पनियों के प्रदेश में आने से बागवानों को कोई एतराज नही है लेकिन जो सेब के दाम तय होते है और उसके ऊपर सरकार का चेक न होना चिंता का विषय है।

धर्म प्रकाश ने कहा कि यह सेब के दामों में गिरावट इन बड़ी कम्पनियों के कारण आई है।उन्होंने कहा कि बेहतर क्वालिटी का सेब मात्र 20% एक बागवान के पास होता है जबकि बाकी सेब बी और सी केटेगरी का होता है जबकि लागत सारे माल पर एक सी लगती हैं।

जिससे बागवान को घाटा हो रहा है।उन्होंने कहा कि अधिकतर बागवानों ने बैंकों से लोन लिया है और सेब के दाम उचित न मिलने से किश्त देना भी मुश्किल हो गया है।उन्होंने सरकार से मांग की कि इस पर चेक रखा जाए।

वहीं सेब बेचने आये अन्य बागवान ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें 1700 तक सेब के दाम मिलेंगे लेकिन वह मार्किट में आने पर निराश है क्योंकि उन्हें उम्मीदों के विपरीत कम दाम मिले है।

फल मंडी के प्रधान व आढ़ती प्रकाश सिंह ने कहा कि बाजार में गिरावट आई है।पिछले कल जो सेब 2दो हजार का बिका है वही आज 1800 रुपये में गया है।उन्होंने कहा कि गणेश पूजा के कारण गत रोज तक सेब की काफी डिमांड रही।अब आज एक बार फिर बाजार में गिरावट आई है।

उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कश्मीर के सेब की दस्तक के साथ ही बाजार में और गिरावट आ सकती है। यहां जो सेब आ रहा है वह बेहतर क्वालिटी का नही आ रहा है मिडल हिल्स का माल आ रहा है। बेहतर गुणवत्ता का सेब पराला मंडी य कम्पनियों को जा रहा है जिस कारण भी सेब के दाम नही मिल रहे।