सभी परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करना सुनिश्चित करें अधिकारी : मुख्यमंत्री

सभी परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करना सुनिश्चित करें अधिकारी : मुख्यमंत्री

यंगवार्ता न्यूज़ -शिमला   05-01-2021

 विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की प्रगति को हिम प्रगति पोर्टल पर शीघ्र अपलोड किया जाना चाहिए, ताकि इन परियोजनाओं की नियमित रूप से उच्च स्तरीय निगरानी की जा सके और इनके क्रियान्वयन में अनावश्यक देरी से बचा जा सके। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियांे को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य की सभी प्रमुख परियोजनाएं समयबद्ध पूर्ण हों। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लगभग एक वर्ष खराब हो गया है, इसलिए कार्य और दृढ़ता से किये जाने  चाहिए, ताकि इन्हें निर्धारित समय पर पूर्ण किया जा सके।
 

जयराम ठाकुर ने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों का सक्रियता से फाॅलो-अप किया जाना चाहिए, ताकि इन्हें शीघ्र क्रियान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि कृषि, शिक्षा, आवास, उद्योग आदि से संबंधित हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों में तेजी लानी चाहिए और वन तथा अन्य स्वीकृतियां उपलब्ध करवाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन निवेशकों ने प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए हंै, उनके साथ अलग से बैठक आयोजित की जानी चाहिए, ताकि उनकी समस्याओं को शीघ्र सुलझाया जा सके। 
 
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं के कार्य में हो रही अनावश्यक देरी को गंभीरता से लिया जाएगा और इसके लिए जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। 

उन्होंने कहा कि 7 व 8 नवम्बर, 2019 को आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्ज मीट ने 96 हजार करोड़ रुपये निवेश के समझौता ज्ञापनों को आकर्षित किया था। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्ज मीट के दो माह के भीतर 13 हजार 500 करोड़ रुपये की हस्ताक्षरित परियोजनाओं की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित की गई और 10 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग के लिए तैयार है। 
 
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं को विशेष प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सभी प्रारम्भिक कार्य जैसे कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं के बारे में आकलन और ड्राॅइंग इत्यादि एक माह के भीतर कार्यान्वित किए जाने चाहिए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी उपायुक्तों को अपने जिले में चल रही परियोजनाओं की निगरानी के लिए एक तंत्र विकसित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आम तौर पर कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का कार्य छोटे-छोटे कारणों से अधूरा रहता हैै, जिन्हें उनमें हस्तक्षेप से सुलझाया जा सकता है। 
 
जयराम ठाकुर ने कहा कि एम्स बिलासपुर, राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन, हमीरपुर, चम्बा और आईजीएमसी शिमला के सुपर स्पेशियलिटी ब्लाॅक जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का कार्य समय अवधि के भीतर पूर्ण किया जाना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं जैसे कि 800 करोड़ रुपये की वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबन्धन एवं आजीविका में सुधार परियोजना, एडीबी वित्त पोषित 679 करोड़ रुपये का चरण द्वितीय क्लीन एनर्जी ट्रांसमिशन इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम, एडीबी वित्त पोषित 956 करोड़ रुपये का चरण तृतीय क्लीन एनर्जी ट्रांसमिशन इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम, एडीबी वित्त पोषित 650 करोड़ रुपये की हिमाचल प्रदेश कौशल विकास परियोजना, विश्व बैंक पोषित 280 करोड़ रुपये की शिमला जल आपूर्ति एवं निकास प्रणाली परियोेजना और 800 करोड़ रुपये की हिमाचल प्रदेश राज्य सड़क ट्रांसमिशन परियोजनाओं का उचित फाॅलो-अप किया जाना चाहिए।
 
मुख्य सचिव अनिल खाची ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि अधिकारी परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अधिक निष्ठा से कार्य करेंगे, ताकि इनका कार्य निर्धारित समय पर पूर्ण किया जा सके। सरकार ने निवेशकों को विभिन्न स्वीकृतियां प्राप्त करने में सहायता प्रदान करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। उन्होंने कहा कि वांछित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अधिक सक्रिय दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
 
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जेसी शर्मा ने मुख्यमंत्री और उपस्थित अन्य अधिकारियों का स्वागत किया। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त सचिव सुनील शर्मा ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया और धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। संबंधित उपायुक्तों ने मुख्यमंत्री को उनके जिलों में कार्यान्वित की जा रही विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की प्रगति के बारे में अवगत करवाया।
 
अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता संजय गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, प्रधान सचिव केके पंत और ओंकार चंद शर्मा, सचिव रजनीश, अक्षय सूद, अजय शर्मा, राजीव शर्मा, अमिताभ अवस्थी, एसएस गुलेरिया, आयुक्त उद्योग हंस राज शर्मा, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन डाॅ. सविता और विभिन्न विभागाध्यक्षों ने बैठक में भाग लिया, जबकि उपायुक्त और अन्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़े।