सरकार ने रोका मंदिर का प्रसाद, योजना के 50 करोड़ पर केंद्र की कुंडली
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रसाद’ योजना के तहत मंजूर किए ₹50 करोड़ के बजट पर कुंडली मार कर रखी है। केंद्र सरकार ने 2018 में हिमाचल के लिए यह प्रोजेक्ट मंजूर किया था। इस प्रस्तावित परियोजना में चिंतपूर्णी मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाना था
यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना 12-04-2023
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रसाद’ योजना के तहत मंजूर किए ₹50 करोड़ के बजट पर कुंडली मार कर रखी है। केंद्र सरकार ने 2018 में हिमाचल के लिए यह प्रोजेक्ट मंजूर किया था। इस प्रस्तावित परियोजना में चिंतपूर्णी मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाना था। इस प्रोजेक्ट के तहत मंदिर में पर्यटकों के लिए कई तरह की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी थी, लेकिन केंद्र से ₹50 करोड़ जारी न होने की वजह से यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया।
केंद्र सरकार के कहने पर भाषा व संस्कृति विभाग ने मंदिर परिसर के पास 16 से 96 वर्ग मीटर भूमि का भी अधिग्रहित कर लिया है। मंदिर परिसर से सटे बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने, सड़कों के सुधार, गैर-प्रदूषणकारी सार्वजनिक यातायात प्रणाली की शुरुआत, नया वैकल्पिक मार्ग, विकलांगों के अनुकूल बुनियादी ढांचा और दर्शन, कीर्तन आदि के लिए तीर्थयात्रियों के लिए एक नया ब्लॉक बनाने बनाना प्रस्तावित था जो केंद्र से पैसा न मिलने के कारण आगे नहीं बढ़ पाया है।
सचिव भाषा व संस्कृति राकेश कंवर ने माना कि चिंतपूर्णी मंदिर के विकास के लिए केंद्र सरकार ने जो प्रसाद योजना के तहत ₹50 करोड़ मंजूर किए थे वह अभी तक जारी नहीं किए हैं। कंवर ने कहा कि पर्यटन विभाग को पत्र लिखकर केंद्र से दोबारा मामला उठाने के लिए कहा गया है। देश में 51 शक्तिपीठों में से चिंतपूर्णी मंदिर भी एक शक्तिपीठ है।
यहां पर हर साल लगभग 15 लाख से ज्यादा पर्यटक श्रद्धालु मां का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। यहां पर भक्तों की भारी तादाद को देखते हुए केंद्र सरकार ने चिंतपूर्णी मंदिर के विकास के लिए ₹50 करोड़ का प्रोजेक्ट प्रसाद योजना के तहत मंजूर किया था ताकि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। तीन मंजिला भवन का होना था निर्माण: प्रसाद योजना के तहत मां चिंतपूर्णी मंदिर का आधुनिक तरीके से तीन मंजिला भवन का निर्माण किया जाना था।
इसके अलावा मंदिर में सोलर लाइट, वाटर एटीएम, फस्टेड सेंटर, सिक्योरिटी कैबिन, डिजिटल डिस्पले सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे और श्रद्धालुओं के लिए सामान रखने के क्लॉक रूम लॉकर की सुविधा मिलनी थी। मंदिर निर्माण में पहले और दूसरे मंजिल के भवन में श्रद्धालुओं के क्यूव मैनेजमेंट के तहत बैठने की सुविधा, वेटिंग एरिया और दुकानें बनाई जानी थी। जो सिरे नहीं चढ़ पाई है।