सिरमौर में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 14 मत्स्य पालन इकाइयां की जा रही स्थापित
यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन 28-07-2021
हिमाचल प्रदेश के मत्स्य पालकों को आर्थिक रूप से मजबूत तथा आत्मनिर्भर बनाने के साथ मत्स्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना चलाई जा रही है।
इस योजना का उद्देश्य मछली पालन को बढ़ावा देना, मत्स्य पालकों की क्षमता के एकीकृत विकास के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना, स्थिरता, जैव सुरक्षा और पर्यावरण संबंधित चिंताओं को ध्यान में रखते हुए मत्स्य पालकों की आय में सुधार करना है।
सहायक मत्स्य पालन अधिकारी नाहन तपेश चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत जिला सिरमौर में वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 8.94 लाख रुपए खर्च करके 14 मत्स्य पालन की इकाइयां स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की गई है।
कुछ इकाइयां कार्यशील हो चुकी हैं तथा कुछ का कार्य प्रगति पर है। हिमाचल प्रदेश में इस योजना के तहत सामान्य वर्ग के लिए 40 प्रतिशत तथा अन्य वर्ग के लिए 60 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लाभार्थी अनुज वर्मा पुत्र बालकिशन निवासी गांव नाया डाकघर माजरा तहसील पांवटा साहिब ने बताया कि उन्हें मत्स्य विभाग की ओर से 7 बायो फ्रलोक टैंक बनाने के लिए 3 लाख रुपए का अनुदान स्वीकृत हुआ है।
जिसमें से 1.20 लाख अनुदान राशि उन्हें अब तक प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने अपने इन टैंको में अलग-अलग प्रजाति का मत्स्य बीज डाल रखा है
जिसमें कॉमन कार्प गोल्डन फिश, वियतनाम कोई और सिंघी प्रमुख हैं।आने वाले 6-7 महीनों में उन्हें अच्छी पैदावार की उम्मीद है। उन्होंने अन्य लोगों से भी मात्स्यिकी विभाग की योजनाओं से जुड़ने का आवाहन किया है।
मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े अन्य लाभार्थी जिला सिरमौर की तहसील नाहन के अंतर्गत गांव रुकडी के रहने वाले नितिन चौहान ने बताया कि उन्होंने मत्स्य पालन के व्यवसाय को अपनाया हुआ है
अपने इस व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए उन्हें मात्स्यिकी विभाग की ओर से एक हेक्टेयर के तालाब के लिए 4.96 लाख रुपए की अनुदान सहायता स्वीकृत हुई है।
जिसमें से अब तक 1.68 लाख रुपए उन्हें मिल चुके हैं। उन्होंने नालागढ़ से तकरीबन 1 लाख मछली का बीज लाकर अपने तालाब में डाला है जो एक वर्ष के भीतर तकरीबन एक किलो से ऊपर का हो गया है।
नितिन चौहान के अनुसार हिमाचल में ही तैयार बीज से उन्हें काफी फायदा हुआ है तथा इस व्यवसाय से उन्हें प्रति वर्ष प्रति बीघा से एक लाख रुपये तक की आमदनी की संभावना है।
इस व्यवसाय की सफलता को देखते हुए उन्होंने अन्य किसानों से भी मत्स्य पालन व्यवसाय को अपनाने का आव्हान किया है। उन्होंने इस योजना का लाभ देने के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, हिमाचल प्रदेश सरकार और मात्स्यिकी विभाग का धन्यवाद किया है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सरकार तालाब बनाने तथा मत्स्य पालन शुरू करने के लिए अनुदान राशि उपलब्ध करवा रही है जिससे मत्स्य किसान
अपना खुद का मछली पालन व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठाकर मछली पालकों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं तथा वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं। योजना के तहत अनुदान की राशि सीधे मत्स्य पालक के बैंक खाते में भेजी जाती है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक जिला मत्स्य पालन कार्यालय नाहन में संपर्क कर सकते हैं जिसके लिए आवेदक के पास आधार कार्ड, पहचान पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, आवेदक के बैंक खाते का विवरण, मोबाइल नंबर, राशन कार्ड तथा आवेदक का जाति प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।