हाईकोर्ट ने प्राकृतिक स्रोतों के बेहतर इस्तेमाल के लिए संभावनाएं तलाशने के दिए आदेश

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्राकृतिक स्रोतों के बेहतर इस्तेमाल के लिए संभावनाएं तलाशने के आदेश दिए हैं। अदालत ने निदेशक आपदा प्रबंधन को दस दिन के भीतर सभी उपायुक्तों से ऑनलाइन मीटिंग करने के आदेश

हाईकोर्ट ने प्राकृतिक स्रोतों के बेहतर इस्तेमाल के लिए संभावनाएं तलाशने के दिए आदेश

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला       14-12-2022

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्राकृतिक स्रोतों के बेहतर इस्तेमाल के लिए संभावनाएं तलाशने के आदेश दिए हैं। अदालत ने निदेशक आपदा प्रबंधन को दस दिन के भीतर सभी उपायुक्तों से ऑनलाइन मीटिंग करने के आदेश दिए हैं।

अदालत ने कहा कि इस बारे में 27 दिसंबर को अंतिम निर्णय लें और मामले की आगामी सुनवाई तक इसकी जानकारी अदालत को दें। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 5 जनवरी को निर्धारित की है।

अदालत ने आशा जताई है कि सभी जिम्मेदार अधिकारी प्राकृतिक स्रोतों के बेहतर इस्तेमाल के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव देंगे। इससे न केवल जंगल की आग बुझाने में सहायता मिलेगी, बल्कि घरेलू कार्यों के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। बता दें कि शिमला शहर में पानी की किल्लत को लेकर हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है।

अदालत की ओर से समय समय पर पारित आदेशों के बाद अब शहर में पानी की व्यवस्था सुचारु हुई है। गर्मियों में शहर के लिए पांचवें दिन भी कम मात्रा में पानी दिया जा रहा था। 

अदालत ने शहर के प्राकृतिक स्रोतों को विकसित करने के आदेश दिए थे। नगर निगम ने शहर में सभी प्राकृतिक स्रोतों को चिह्नित किया है। इन स्रोतों से प्रतिदिन लगभग 1.5 लाख लीटर पानी निकलता है। अदालत ने पाया है कि इन स्रोतों को विकसित कर पानी का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है। 

प्रदेश हाईकोर्ट ने सोलन जिले में निर्धारित मापदंडों के विरुद्ध बिरोजा निकालने पर कड़ा संज्ञान लिया है। खंडपीठ ने प्रधान सचिव वन सहित वन निगम को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 26 दिसंबर 2022 को निर्धारित की है।  जनहित में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि सोलन वन वृत्त में वन निगम के निर्धारित मापदंडों के विपरीत बिरोजा दोहन किया जा रहा है।

दलील दी गई कि वर्ष 1975-76 में बिरोजा निकालने का काम वन निगम को दिया गया था। वर्ष 2020 में वन निगम ने नियम बनाया कि एक वन सेक्शन से 55 क्विंटल बिरोजा निकाला जाएगा। याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि वह 17 अगस्त 2022 को अपने बगीचे की ओर से जा रहा था।

रास्ते में उसने बिरोजा निकालने वाले मजदूर देखे। उनसे बातचीत पर पता चला कि इस बार निगम अधिक मात्रा में बिरोजा निकाल रहा है। मजदूरों ने याचिकाकर्ता को बताया कि इस बारे में वन निगम के निदेशक ने वन अरण्यपाल सोलन से पत्राचार किया है। अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ता ने इस बारे में सूचना के अधिकार के तहत सूचना प्राप्त की। 

सूचना के अनुसार निगम ने वर्ष 2020 में एक वन सेक्शन से 55 क्विंटल बिरोजा निकालने का निर्णय लिया था। जबकि, इसके लिए बनाए गए नियमों के अनुसार एक वन सेक्शन से सिर्फ 35 क्विंटल बिरोजा ही निकाला जा सकता है।

आरोप लगाया कि बिरोजा के अधिक दोहन से पेड़ सूखने के कगार पर हैं। याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई है कि पेड़ों से निर्धारित मापदंडों से अधिक बिरोजा निकालने पर रोक लगाई जाए।