हिमाचल में अब किसानों को सस्ते मिलेंगे कृषि उपकरण, एचपीएमसी ने घटाया कमीशन

हिमाचल सरकार के उपक्रम एचपीएमसी ( हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग एंड प्रोसेसिंग कॉरपोरेशन ) ने पहली बार एग्रीकल्चर इनपुट पर अपना कमीशन घटाया

हिमाचल में अब किसानों को सस्ते मिलेंगे कृषि उपकरण, एचपीएमसी ने घटाया कमीशन

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला      08-03-2023

हिमाचल सरकार के उपक्रम एचपीएमसी ( हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग एंड प्रोसेसिंग कॉरपोरेशन ) ने पहली बार एग्रीकल्चर इनपुट पर अपना कमीशन घटाया है। इससे बागवानों को टीएसओ (ट्री-स्प्रे ऑयल), खेतीबाड़ी में उपयोग होने वाले औजार, कैल्शियम नाइट्रेट जैसी महत्वपूर्ण खाद इत्यादि बाजार भाव से कम दाम पर मिलनी शुरू हो गई है।

एचपीएमसी ने अधिकांश प्रोडक्ट पर अपना कमीशन 15 प्रतिशत तय किया है। पहले यह 20 प्रतिशत कमीशन होता था। इस वजह से एचपीएमसी के ज्यादातर उपकरण बाजार भाव से भी महंगे दाम पर मिलते थे, लेकिन इस साल कमीशन में कमी की वजह से रेट भी 5 प्रतिशत तक कम हुए हैं। 

पूर्व में एचपीएमसी के 20 प्रतिशत कमीशन की वजह से बागवान अपने आपको को ठगा-सा महसूस करते थे और न चाहते हुए भी उन्हें  एचपीएमसी से महंगे कृषि उपकरण खरीदने पड़ते थे, क्योंकि कॉरपोरेशन कभी भी बागवानों को उनकी एमआईएस ( मंडी मध्यस्थता योजना ) के तहत खरीदे जाने वाले सेब और दूसरे फलों की नकद पेमेंट का भुगतान नहीं करता है। 

गौर हो कि एचपीएमसी हर साल बागवानों से 40 से 70 हजार मिट्रिक टन तक सेब , आम व दूसरे फलों की खरीद एमआईएस योजना के तहत करता है। बागवानों को कभी भी इसकी नकद पेमेंट नहीं दी जाती, जबकि बागवान कई बार नकद पेमेंट की मांग करते रहे हैं। सरकारी उपक्रम एचपीएमसी किसानों-बागवानों को 20 से ज्यादा कृषि उपकरण, पावर स्प्रेयर, पावर टिलर, खाद, स्प्रे की दवाइयां इत्यादि उपलब्ध कराता है।

 इसे देखते हुए एचपीएमसी ने मार्केट में कृषि उपकरणों के रेट नियंत्रित करने के लिए पहली बार सीधे कृषि औजार बनाने वाली कंपनियों से एमओयू भी साइन किए हैं, ताकि इनसे कम कीमत पर खेतीबाड़ी व बागवानी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण लिए जा सके। एचपीएमसी अधिकारियों की मानें तो कृषि उपकरणों की खरीद के लिए निगम बैंकों से 8 से 9 फीसदी ब्याज पर लोन लेता है। 

इस वजह से  एचपीएमसी को 15 प्रतिशत नहीं, बल्कि 6 से 7 फीसदी की ही बचत हो पाती है। एचपीएमसी के प्रबंध निदेशक सुदेश मोख्ता ने बताया कि निगम ने ज्यादातर उपकरणों पर अपना कमीशन 5 फीसदी कम किया है। इसके बाद कैल्शियम नाइट्रेट जैसी महत्वपूर्ण खाद ओपन मार्केट से कम रेट पर एचपीएमसी दे रहा है। एचपीएमसी के ऐसा करने से कई कृषि इनपुट के रेट कम हुए हैं।