हिमाचल में किसानों-बागवानों के जारी आंदोलन के बीच निजी कंपनी अदाणी ने घटाए सेब के दाम

हिमाचल प्रदेश में किसानों-बागवानों के विभिन्न मांगों को लेकर जारी आंदोलन के बीच निजी कंपनी अदाणी और फल मंडियों में सेब के दाम घट गए हैं। अदाणी कंपनी ने सेब खरीद के दाम दो रुपये प्रतिकिलो कम कर दिए

हिमाचल में किसानों-बागवानों के जारी आंदोलन के बीच निजी कंपनी अदाणी ने घटाए सेब के दाम

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला       28-085-2022

हिमाचल प्रदेश में किसानों-बागवानों के विभिन्न मांगों को लेकर जारी आंदोलन के बीच निजी कंपनी अदाणी और फल मंडियों में सेब के दाम घट गए हैं। अदाणी कंपनी ने सेब खरीद के दाम दो रुपये प्रतिकिलो कम कर दिए हैं। 

कंपनी की ओर से शुक्रवार रात जारी किए ताजा दामों में ईईएस (एक्स्ट्रा एक्स्ट्रा स्माल) श्रेणी के सेब का खरीद मूल्य 60 रुपये से घटाकर 58 रुपये प्रतिकिलो घोषित कर दिया है। वहीं मंडियों में सेब के दाम 200 से 300 रुपये प्रति पेटी कम हुए हैं।  

दाम कम करने के पीछे बारिश से सेब की गुणवत्ता प्रभावित होने का तर्क दिया जा रहा है। सेब कीमतों में बढ़ोतरी की मांग के लिए आंदोलनरत संयुक्त किसान मंच ने दाम घटाने के फैसले पर नाराजगी जताई है। पिछले हफ्ते शिमला की भट्ठाकुफर और ठियोग की पराला फल मंडी में सेब का प्रति पेटी (25 किलो) औसत रेट 1400 से 2000 रुपये चल रहा था।

इस हफ्ते के आखिर में दाम 1100 से 1800 रुपये पहुंच गए हैं। दूसरी ओर अदाणी कंपनी इससे पहले ईएल (एक्सट्रा लार्ज) और पित्तू (ग्रेड से छोटा आकार) के सेब का दाम भी दो रुपये प्रतिकिलो कम कर चुकी है। अदाणी कंपनी ने इस महीने 15 अगस्त से अपने सीए (कंट्रोल्ड एटमोसफेयर) स्टोरों पर सेब खरीद शुरू की थी। 

शुरुआत में कंपनी ने एक्स्ट्रा लार्ज सेब के 52 रुपये, लार्ज मीडियम स्माल के 76, एक्स्ट्रा स्माल के 68, एक्स्ट्रा एक्स्ट्रा स्माल के 60 और पित्तू सेब के 52 रुपये प्रतिकिलो खरीद दाम तय किए थे। एक हफ्ते बाद कंपनी ने एक्स्ट्रा लार्ज और पित्तू आकार के सेब के रेट 52 से घटाकर 50 कर दिए। 

अब एक्स्ट्रा एक्स्ट्रा स्माल श्रेणी के सेब के दामों में भी दो रुपये की कटौती कर दी है। किसानों-बागवानों के आंदोलन के बीच सेब के दामों में कटौती आग में घी का काम करेगी। निजी कंपनियों की मनमानी और इन पर सरकार का नियंत्रण न होने पर संयुक्त किसान मंच आंदोलनरत है। 

उधर, भट्ठाकुफर फल मंडी आढ़ती एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अमन सूद ने बताया कि भारी बारिश से सेब की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। सेब में कालापन आ रहा है, आकार बढ़ने से रंग फीका पड़ रहा है और शेल्फ लाइफ भी प्रभावित हुई है, जिससे कीमतों में गिरावट आई है। पराला फल मंडी आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश ठाकुर ने बताया कि मंडी में आपूर्ति बढ़ने से भी कीमतों में गिरावट आई है। 

संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान का कहना है कि सरकार की हाई पावर कमेटी की ओर से गठित सब कमेटी अभी जब निजी सीए स्टोरों का निरीक्षण कर रही है, ठीक इसी समय अदाणी ने खरीद मूल्यों में कटौती कर दी। इससे साफ है कि सरकार ने बागवानों के हित दाव पर रखकर अदाणी के आगे घुटने टेक रखे हैं। 

कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) शिमला एवं किन्नौर के सचिव देवराज कश्यप ने बताया कि पिछले दिनों लगातार हुई बारिशों के बाद सेब की गुणवत्ता में असर पड़ा है। इससे मंडियों में सेब को पिछले सप्ताह के मुकाबले कम दाम मिल रहे हैं। हालांकि बढ़िया क्वालिटी के सेब के दाम स्थिर हैं। अदाणी कंपनी ने भी दो रुपये प्रतिकिलो रेट गिराया है।