हिमाचल में टूरिस्म खोलने के पक्ष में नहीं प्रदेश के होटल व्यवसाई
यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू 05-07-2020
हिमाचल सरकार ने सूबे में बिना पास पर्यटकों के आने के लिए सीमाएं खोल दी हैं। लेकिन कुल्लू-मनाली के होटल मालिक अभी इसके पक्ष में नहीं हैं। प्रदेश की सबसे बड़ी होटल एसोसिएशन भी अभी होटल व होम स्टे को खोलना नहीं चाहती।
जिला के बंजार की जिभी और तीर्थन घाटी होटल संगठनों ने 15 अगस्त तक पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी है। मणिकर्ण होटल एसोसिएशन ने होटल मालिकों पर फैसला छोड़ दिया है।
उल्लेखनीय है कि पर्यटन के लिए विख्यात कुल्लू जिला में पिछले तीन माह से भी अधिक समय से कोरोना के चलते सन्नाटा पसरा है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने अब हर किसी के लिए हिमाचल के द्वार खोल दिए हैं। कुछ शर्तों के साथ अब सैलानी भी बिना ई-पास के प्रदेश की वादियों का सैर सपाटा कर सकेंगे।
होटल एसोसिएशनों ने भले ही सरकार के फैसले का स्वागत किया है लेकिन कोरोना से सहमे होटल मालिक किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहते हैं।
मनाली में ही करीब दो हजार होटल व होम स्टे शामिल हैं। मगर अभी इनको खोलने के लिए तैयार नहीं हैं। हालांकि कुछ बड़े होटल खुल सकते हैं, जिनकी संख्या मात्र दो से तीन फीसदी है। होटल एसोसिएशन मनाली के अध्यक्ष अनूप ठाकुर ने कहा कि मनाली में 90 फीसदी होटल ग्रामीण इलाकों में हैं।
शनिवार को उन्होंने आठ से 10 पंचायतों के प्रधानों से इस बारे में बात की, लेकिन सबने एक मत में मना किया है। उन्होंने कहा कि मनाली में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर नहीं है। ऐसे में अपने स्वार्थ के लिए कोरोना काल में होटलों को खोलना उचित नहीं है।
ठाकुर ने कहा कि दो-तीन दिन में बैठक होगी, जिसमें आगामी फैसला लिया जाएगा। जिभी व तीर्थन वेली टूरिज्म डेवलपमेंट एसोसिएशन की बैठक बंजार के नागिनी में हुई। इसमें 15 अगस्त तक बंजार घाटी में किसी भी तरह की पर्यटन गतिविधियों को शुरू नहीं करने का निर्णय लिया गया है।
प्रधान ललित कुमार तथा वरुण भारती ने बताया कि कोरोना में पर्यटन गतिविधियों को शुरू करना ठीक नहीं है। मणिकर्ण वैली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष किशन ठाकुर ने कहा कि उन्होंने पहले लगाई पाबंदी को हटा दिया है और अब होटल मालिक इस पर खुद निर्णय ले सकेंगे कि होटलों को खोलना है या नहीं।