हिमाचल में सार्वजनिक सेवा क्षेत्र में होगा ड्रोन का इस्तेमाल

हिमाचल में सार्वजनिक सेवा क्षेत्र में होगा ड्रोन का इस्तेमाल

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   21-09-2021

हिमाचल में सार्वजनिक सेवा क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। वन कटान, माइनिंग और नशे की खेती पर नजर से लेकर आबादी देह जमीन की मैपिंग तक में ड्रोन का इस्तेमाल संबंधित विभाग करेंगे।

इस बारे में मुख्य सचिव रामसुभग सिंह की अध्यक्षता में एक अहम बैठक सचिवालय में हुई। इसमें कुछ मुख्य विभागों के सचिवों और एचओडी के अलावा कांगड़ा, सोलन, हमीरपुर और सिरमौर के डीसी भी वर्चुअली जुड़े थे। दरअसल भारत सरकार ने 26 अगस्त 2021 को नई ड्रोन पॉलिसी जारी की है। 

इसके तहत ड्रोन के इस्तेमाल और रजिस्ट्रेशन को और सरल करने के साथ सरकारी कामों में इसे यूज करने पर फोकस किया गया है। वहीं, ड्रोन बनाने वालों और ड्रोन उड़ाने वालों की रजिस्ट्रेशन जरूरी होगी।

साथ ही हर ड्रोन को अब यूआईएन नंबर के साथ ही उड़ाया जा सकेगा। राज्य में ड्रोन के इस्तेमाल के लिए तीन जोन बनेंगे। इनमें रेड, यलो और ग्रीन जोन होंगे। रेड जोन में किसी भी सूरत में ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं होगी। 

यलो जोन में परमिशन के साथ उड़ाए जा सकेंगे, जबकि ग्रीन में बिना परमिशन भी ड्रोन उड़ाए जा सकेंगे, बशर्ते की उनकी यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर से रजिस्ट्रेशन हो।

भारत सरकार ने लोगों को जमीन का स्वामित्व देने के लिए आबादी देह जमीन की मैपिंग ड्रोन से करने की अनुमति दी है। हिमाचल सरकार भी इस काम को ड्रोन की मदद से करेगी।

इसके अलावा कुछ सेवाओं की होम डलीवरी से लेकर एरियल निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। मुख्य सचिव ने सभी विभागों से फीडबैक लेने को कहा है। 

राज्य स्वास्थ्य मिशन ने पिछले साल हिमाचल के मंडी जिले के कुछ दुर्गम क्षेत्रों में ड्रोन के जरिये क्षयरोग यानी टीबी के सैंपल लेने की अनुमति भारत सरकार से मांगी थी। ये अनुमति भारत सरकार को नेशनल हेल्थ मिशन के माध्यम से गई, लेकिन मिली नहीं। 

इस कारण ये प्रयोग नहीं किया जा सका। लेकिन अब नई पॉलिसी आने के बाद इस तरह के काम आसान हो जाएंगे और अनुमति के लिए केस दिल्ली भी नहीं भेजना पड़ेगा।

नई ड्रोन पॉलिसी बनाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में निदेशक आईटी मुकेश रेपसवाल को नोडल आफिसर बनाया गया है। वह सभी विभागों के साथ समन्वय का इस बारे में एक ड्राफ्ट तैयार करेंगे। 

राज्य में वर्तमान में ड्रोन को रजिस्टर करने की कोई प्रक्रिया नहीं है, न ही कोई फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल राज्य में है। कृषि, पुलिस, बागबानी, वन, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे बड़े विभागों से इस बारे में पहले सुझाव लिए जाएंगे।