हमीरपुर में औषधीय गुणों से भरपूर मोरिंगा की खेती तैयार, मधुमेह व रक्तचाप में कारगर होगी साबित 

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के बमसन विकास खंड में पहली बार मोरिंगा के पौधे लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री एक बीघा जमीन योजना में 3,000 के करीब मोरिंगा के पौधे लगाए गए हैं

हमीरपुर में औषधीय गुणों से भरपूर मोरिंगा की खेती तैयार, मधुमेह व रक्तचाप में कारगर होगी साबित 

यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर      24-01-2023

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के बमसन विकास खंड में पहली बार मोरिंगा के पौधे लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री एक बीघा जमीन योजना में 3,000 के करीब मोरिंगा के पौधे लगाए गए हैं। पहले विकास खंड बमसन के दो स्वयं सहायता समूहों ने बीडीओ की सहायता से गुजरात से मोरिंगा के दो से तीन किलो बीज मंगवाए और पौध तैयार की। 

पौध तैयार होने के बाद दो पंचायतों में इन्हें रोपा गया। इसके बाद विकास खंड बमसन की 18 पंचायतों में यह पौधे लगाए गए। प्रदेश में पहली बार मोरिंगा के पौधे बमसन में लगाए गए हैं। मोरिंगा के पौधे औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं।  यह रक्तचाप, मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा अस्थमा को भी दूर भगाता है। 

मोरिंगा के बीजों के तेल का उपयोग खाद्य पदार्थों, इत्र और बालों की देखभाल करने वाले उत्पादों में और मशीन लुब्रिकेंट के रूप में भी किया जाता है। पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण मौरिंगा के पौधों की सब्जी का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना गया है। इसकी पत्तियों से तैयार पाउडर भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। 

मोरिंगा में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स होता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट होने के कारण यह कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से भी बचाता है। इन पौधों की खास बात यह है कि यह हर तरह की मिट्टी में उग जाते हैं। इसका वनस्पति नाम मोरिंगा ओलिफेरा है। 

खंड विकास अधिकारी सिकंदर सिंह ने कहा कि अभी पौधों पर फूल आना शुरू हो गए हैं। पौधों को आयुष विभाग से बातचीत कर बेचने का प्रबंध किया जाएगा।  उन्होंने कहा कि यह एक औषधीय पौधा है। जिसका कई जगह इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल सब्जी और चटनी बनाने में भी किया जाता है।