यंगवार्ता न्यूज़ - श्रीरेणुका जी 14-05-2023
पंचायत समिति संगड़ाह निवर्तमान अध्यक्ष एवं सूचना जनसंपर्क विभाग के सेवानिवृत्त उपनिदेशक मेलाराम शर्मा ने सिरमौर जिला के प्रसिद्ध लोक कलाकार एवं चूड़ेश्वर लोक नृत्य सांस्कृतिक मंडल जालग राजगढ़ के प्रबंध निदेशक जोगिंदर हब्बी को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज होने पर बधाई दी है। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार जोगेंद्र हब्बी का नाम निदेशालय भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा जिला सिरमौर में प्रतिवर्ष आयोजित की जा रही लोक नृत्य प्रतियोगिता में लगातार दस बार प्रथम स्थान प्राप्त करने के कारण इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स तथा एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल हुआ है।
मेला राम शर्मा ने बताया कि उपरोक्त दोनों रिकॉर्ड्स हब्बी ने लगातार एक ही विभाग द्वारा एक ही व्यक्ति के नेतृत्व एवं निर्देशन में लोक नृत्य प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए बनाए। उन्होंने कहा की इससे सिरमौर के सपूत जोगिंदर हावी ने न केवल सिरमौर जिला अपितु हिमाचल प्रदेश का नाम गौरवान्वित किया है। उन्होंने बताया कि कुछ समय पूर्व ही हब्बी का इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज हुआ था और अब एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी नाम दर्ज हुआ है जिससे जिला सिरमौर की लोक संस्कृति का विश्व स्तर पर पहचान व मान बढ़ा है। मेला राम शर्मा ने बताया कि चूड़ेश्वर लोक नृत्य सांस्कृतिक मंडल के मुखिया जोगिंदर हब्बी ने अपने दल के कार्यक्रम अनेक राष्ट्रों में करवा कर सिरमौर की समृद्ध संस्कृति को विश्व भर में उजागर किया है और अपनी समृद्ध लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में सराहनीय कार्य किया है।
इन दोनों रिकॉर्ड्स का श्रेय अपने गुरु पद्मश्री विद्यानंद सरैक व सहयोगी कलाकारों को दिया और आसरा तथा चूड़ेश्वर मंडल के सभी कलाकारों का विशेष आभार व्यक्त किया जिन्होंने अनुकरण कर लगातार मेहनत के परिणाम स्वरूप प्रथम पुरस्कार को अब तक लगातार बरकरार रखा है। हब्बी ने बताया कि दस-बारह वर्षों से आयोजित की जा रही इन प्रतियोगिताओं में लगभग साठ से अधिक लोक कलाकारों ने हाब्बी के नेतृत्व में लोक नृत्य प्रतिस्पर्धा में भाग लिया जिसमें उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार से राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित प्रसिद्ध लोक कलाकार गोपाल हब्बी, प्रदेश के जाने-माने लोक गायक धर्मपाल चौहान व रामलाल वर्मा और सरोज ने दस बार भाग लेकर लगातार प्रथम स्थान बरकरार रखने में भरपूर सहयोग दिया।
इसके अलावा बलदेव, अमीचंद, चमन, संदीप, अनुजा, सीमा, रीना, सुनपति, लक्ष्मी, प्रिया, सरस्वती, जितेंद्र, हंसराज, चिरंजीलाल, सोहनलाल, चेतराम, कृष्ण लाल, मुकेश, देवीराम, अनिल, रमेश, सुनील, बिमला चोहान, पायल, आदि कलाकारों ने भी कई बार इन प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेकर दल को प्रथम स्थान प्राप्त करने में पूर्ण सहयोग दिया है। हब्बी ने कहा कि हमारा दल सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में जिला सिरमौर का आदिकालीन ठोडा नृत्य, ढीली नाटी, रिहाल्टी गी, दीपक नृत्य, परात नृत्य, सिरमौरी मुजरा, रासा व हुड़क नृत्य, झुरी, सिंहटू तथा भड़ाल्टू नृत्य आदि लोक विधाओं को कोरियोग्राफ कर तथा समय सीमा में बांधकर एक गुलदस्ते के रूप में सिरमौरी हाटी जनजातीय संस्कृति के वास्तविक स्वरूप को प्रस्तुत करता आया है।
जोगेंद्र हब्बी ने सभी कलाकारों की ओर से निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग और जिला भाषा अधिकारी का इस प्रकार की लोक नृत्य प्रतियोगिताएं आयोजित कर कलाकारों को अपना हुनर दिखाने का अवसर प्रदान करने के लिए तथा प्रतिस्पर्धाओं के निर्णायक मंडल के सभी सदस्यों का निष्पक्ष एवं निर्विवाद निर्णय के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करते कहा कि हम सदैव इसी प्रकार हिमाचल व सिरमौर जनपद की समृद्ध संस्कृति को विश्व स्तर पर और अधिक पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत रहेंगे।