आइसोलेशन सेंटर में पति की मौत , बाहर तड़प रही कोरोना पॉजिटिव पत्नी
सामने से गुजरा मुख्यमंत्री का काफिला मगर रोगी का कुशक्षेम नहीं पूछा
यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन 30-04-2021
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में खोले गए कोविड केयर सेंटर और आइसोलेशन वार्ड सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। जिला मुख्यालय नाहन स्थिति डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाया गया है , लेकिन आलम यह है कि इस अस्पताल में मरीजों को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर मिलना तो दूर यहां तीन - तीन दिनों तक डॉक्टर मरीजों के समीप भी नहीं आते हैं।
हालत यह है कि पिछले 24 घंटों में जिला सिरमौर में पंकज लोगों की मौत हुई है। इन पांच में से 3 मरीज डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती थे। तीमारदारों के मुताबिक पांवटा साहिब के एक मरीज को तीन दिन पहले आइसोलेशन वार्ड सेंटर में भर्ती किया गया था
लेकिन 30 अप्रैल सुबह तक कोई भी डॉक्टर मरीज को देखने नहीं पहुंचा जिसके चलते तड़के ही मरीज ने दम तोड़ दिया। तीमारदारों के मुताबिक तीन दिनों तक कोई भी डॉक्टर आइसोलेशन वार्ड में नहीं आया , लेकिन जब मरीज कोट के बाद तीमारदारों द्वारा हंगामा किया गया तो मेडिकल कॉलेज के एक चिकित्सक आइसोलेशन वार्ड पहुंचे और मृत व्यक्ति का चेकअप करने लगे।
तीमारदारों का कहना है कि जब रोगी की मृत्यु हो गई तो उसके उपरांत डॉक्टरों द्वारा उसे ऑक्सीजन और इंजेक्शन दिए जा रहे थे। यही नहीं हैरत की बात तो यह है कि आइसोलेशन वार्ड में आज सुबह पांवटा साहिब के जिस रोगी की मौत हुई उसकी पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव आई है , लेकिन चार घंटों से डॉक्टरों द्वारा उसे एडमिट नहीं किया गया।
कोविड केयर सेंटर के बाहर कोरोना रोगी तड़प रहा था। इसी दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मेडिकल कॉलेज के दौरे पर पहुंचे। तीमारदारों ने अस्पताल में किस प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं है उससे मुख्यमंत्री को अवगत करवाया और कहा कि सरकार द्वारा खोले गए कोविड केयर सेंटर सफेद हाथी साबित हो रहे हैं।
परिजनों का कहना है कि अस्पताल में कोई भी डॉक्टर कोरोना के रोगी को देखने नहीं आता है। केवल मात्र पैरामेडिकल स्टाफ और चतुर्थ श्रेणी कर्मी द्वारा कोविड मरीजों का उपचार किया जा रहा है। आपको बता दें कि डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है।
जहां पर कोरोना के मरीज को रखा जा रहा है , लेकिन हैरत की बात यह है कि ना तो कोई सुविधा है और ना ही कोई डॉक्टर मरीजों की देखभाल के लिए आता है। आपको बता दें कि 24 घंटे में जिला मुख्यालय नाहन स्थित कोविड केयर सेंटर में तीन कोरोना पॉजिटिव मरीजों ने दम तोड़ा है।
यही नहीं पांवटा साहिब के एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हुई है। वही उसकी पत्नी भी कोरोना संक्रमित है जो सुबह से आइसोलेशन वार्ड के बाहर तड़प रही है। अभी तक उसे भर्ती नहीं किया गया है। कोविड केयर सेंटर के बाहर मरीज तड़प रहा है। इससे जहां अस्पताल प्रशासन की पोल खुल रही है।
वही सामने से गुजरने वाले लोग भी कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। क्योंकि जब कोरोना का मरीज खुले में होगा तो यह संक्रमण हवा के द्वारा अन्य व्यक्ति को भी हो सकता है।
तीमारदारों ने आज स्वास्थ्य विभाग की पूरी पोल मुख्यमंत्री के सामने खोली तो मुख्यमंत्री ने केवल मात्र यही कहा कि वह इसीलिए नाहन आए हैं ताकि कोविड-19 का जायजा ले सकें और यह पता लगाया जा सके कि जिला मुख्यालय नाहन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना मरीजों का किस प्रकार से उपचार किया जा रहा है।
लोगों की बात सुनने के बाद मुख्यमंत्री उपायुक्त कार्यालय में कोरोना की समीक्षा बैठक के लिए रवाना हुए। अब देखना यह है कि इस समीक्षा बैठक में क्या मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों के साथ - साथ स्वास्थ्य सचिव के समक्ष स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को इस लापरवाही के लिए लताड़ लगाते हैं या फिर वही ढाक के तीन पात नजर आएंगे।