आंगनबाड़ी वर्कर एवं हेल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू की बैठक सीटू कार्यालय शिमला में संपन्न 

आंगनबाड़ी वर्कर एवं हेल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू की बैठक सीटू कार्यालय शिमला में संपन्न 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   01-08-2021

हिमाचल प्रदेश आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हेल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू की राज्य कमेटी की बैठक सीटू कार्यालय शिमला में सम्पन्न हुई। यूनियन अपनी मांगों को लेकर 9 अगस्त को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन करेगी। 

इस दौरान आंगनबाड़ी कर्मी सड़कों पर उतरकर प्री प्राइमरी में नियुक्ति,इस नियुक्ति में 45 वर्ष की शर्त खत्म करने,सुपरवाइजर नियुक्ति के लिए भारतवर्ष के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्विद्यालय की डिग्री को मान्य करने,वरिष्ठता के आधार पर मेट्रिक व ग्रेजुएशन पास की सुपरवाइजर में तुरन्त भर्ती करने,सरकारी कर्मचारी के दर्जे,हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन देने,रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष करने की मांग व पोषण ट्रैकर ऐप के खिलाफ आंदोलन करेंगे।

बैठक में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,राज्य सचिव रमाकांत मिश्रा, सुमित्रा देवी, वीना शर्मा, हिमी देवी, हमिन्द्री देवी, बिमला देवी, सुदर्शना देवी, गोदावरी देवी, किरण भंडारी, माया देवी, हरदेई,शांता देवी आदि ने भाग लिया।

यूनियन उपाध्यक्ष सुमित्रा देवी व महासचिव वीना देवी ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि कर्मियों की मांगों को लेकर यूनियन 8 सितंबर से 21 सितंबर  तक शिमला,रामपुर,रोहड़ू,ठियोग,बसंतपुर,सोलन,अर्की,नालागढ़,पौंटा साहिब, शिलाई, सराहन, संगड़ाह, मंडी, जोगिन्दरनगर, सरकाघाट, करसोग, बंजार, आनी, झंडूता, हमीरपुर, नादौन, धर्मशाला, पालमपुर, देहरा, चम्बा, चुवाड़ी, ऊना, गगरेटआदि स्थानों पर योजनकर्मी जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। 

उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर आईसीडीएस का निजीकरण किया गया व आंगनबाड़ी वर्करज़ को नियमित कर्मचारी घोषित न किया गया तो आंदोलन और तेज़ होगा। उन्होंने नई शिक्षा नीति को वापिस लेने की मांग की है क्योंकि यह आइसीडीएस विरोधी है। 

नई शिक्षा नीति में  वास्तव में आइसीडीएस के निजीकरण का छिपा हुआ एजेंडा है। इस से भविष्य में कर्मियों को रोज़गार से हाथ धोना पड़ेगा।

सरकार से वर्ष 2013 में हुए पेंतालिसवें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित करने की मांग की है। आंगनबाड़ी कर्मियों को हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं। उ

उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों को वर्ष 2013 का नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत बकाया राशि का भुगतान तुरन्त करने की मांग की है।

उन्होंने मांग की है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा आंगनबाड़ी वर्करज़ को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं। इसकी एवज़ में उनका वेतन बढाया जाए व उन्हें नियमित किया जाए।