न्यूज़ एजेंसी - पटना 10-05-2021
कोरोना संक्रमण की मार झेल रहे बिहार से एक भयावह तस्वीर सामने आई है। बिहार के बक्सर में गंगा घाटों पर बहकर आए हुए शव जमा हो गए हैं। हालांकि प्रशासन ने इस मामले में अपना पल्ला झाड़ते हुए यह कह दिया है कि ये सभी लाशें उत्तरप्रदेश से बहकर आईं हैं।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों उत्तरप्रदेश में हमीरपुर के निकट गंगा नदी में कई लाशें तैरती हुई देखी गई थी। जिसके बाद यह आशंका व्यक्त की गई थी कि लोगों ने कोरोना संक्रमण के डर के चलते शवों का संस्कार करने के बजाय पानी में बहा दिया है। बक्सर प्रशासन के मुताबिक जिले के घाटों पर करीब 40 से 45 लाशें जमा है जो अलग अलग जगहों से बहकर यहां इकट्ठा हो गई है।
साथ ही प्रशासन ने यह भी कहा कि ये लाशें यहां की नहीं हैं, लगता है कि ये उत्तर प्रदेश से बहकर आईं हैं। इसलिए इन लाशों का अंतिम संस्कार करने का विचार किया जा रहा है। वहीं बक्सर के एसडीएम के के उपाध्याय ने भी इस मामले में पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि ये बिहार की नहीं उत्तर प्रदेश की लाशें हो सकती हैं क्योंकि यहां लाशों को बहाने की परंपरा नहीं है।
हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले कुछ दिनों में बक्सर के श्मशान घाटों पर क्षमता से अधिक लाशों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। जिसकी वजह से कई शवों के अंतिम संस्कार करने में दिक्कतें आ रही हैं। इसलिए कई लोग अपने स्वजनों के शव का अंतिम संस्कार करने की बजाय उसे नदी में बहा दे रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले दिनों बक्सर के चौसा घाट पर करीब 16 शवों को नदी में बहा दिया गया था।
बता दें कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में यमुना नदी में दर्जनों शव को नदी में बहता हुआ देखा गया था। जिसके बाद कहा गया था कि ग्रामीण इलाकों में लोग कोरोना संक्रमण के डर के चलते कई शवों को बिना जलाए हुए ही बहा दे रहे हैं।
वैसे हमीरपुर और कानपुर के कुछ इलाकों में यमुना नदी को मोक्ष दाहिनी कालिंदी के रूप में माना जाता है। जिसकी वजह से कुछ लोग अपने स्वजनों के शव को यमुना नदी में बहा देते हैं। पहले नदी में एक दो शव ही बहते हुए देखे जाते थे लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच यहां नदी में काफी शव देखने को मिल रहे हैं। हालांकि हमीरपुर के अपर पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में कहा था कि अधिकांश शव कानपुर आउटर की तरफ से जिले की तरफ आ गए थे।