कैबिनेट ने दी मंजूरी, 50 प्रतिशत कैपेसिटी के साथ खुल सकेंगे शिक्षण संस्थान
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 06-01-2021
हिमाचल प्रदेश के कोचिंग सेंटर 50 प्रतिशत कैपेसिटी के साथ खुलेंगे। इससे लंबे समय से कोचिंग सेंटर में ट्रेनिंग न लेने वाले छात्रों को भी राहत मिलेगी। मंगलवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने कोचिंग सेंटर खोलने की मंजूरी दे दी।
हालांकि इसमें सरकार ने कुछ शर्ते लगाई हैं, जिसका पालन करना अनिवार्य होगा। सरकार की ओर से कोचिंग सेंटर संचालकों पर शर्त लगाई गई है कि वह एक क्लासरूम में कैपेसिटी के 50 प्रतिशत तक ही छात्रों को बैठा सकेंगे। इ
सके साथ ही कोविड को लेकर केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करना भी कोचिंग सेंटर के लिए जरूरी होगा। भले ही कैबिनेट की बैठक में कोचिंग सेंटर खोलने की मंजूरी दे दी है, लेकिन जब तक शिक्षा विभाग की ओर से एसओपी तैयार नहीं होती है, तब तक सेंटर संचालकों को इंतजार करना होगा।
सरकार ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए है कि वह जल्द कोचिंग सेंटर खोलने को लेकर एसओपी तैयार करे। बता दे कि प्रदेश में हजारों की संख्या में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। नीट जेई मेन्स व एचएस, आईएस, एलाइड, बैंकिग व अन्य कोर्सेज की कोचिंग सेंटर में ट्रेनिंग करवाई जाती है।
छात्रों की मांग को देखते हुए ही सरकार ने 50 प्रतिशत छात्रों की कैपेसिटी के साथ कोचिंग सेंटर खोलने की अनुमति दे दी है, लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा तैयार एसओपी के बाद ही कोचिंग सेंटर खोले जा सकेंगे। जानकारी के अनुसार जब कोचिंग सेंटर खुलेंगे, तो इसमें छात्रों के बीच दो गज की दूरी रखना जरूरी होगा।
इसके साथ ही छात्रों को रोलनंबर या फिर आधी संख्या में छात्रों को बुलाना होगा। कोचिंग सेंटर के लिए तैयार की जाने वाली एसओपी में यह भी शामिल किया जा सकता है कि सप्ताह भर क्लासेज लगाने के लिए दिनों को आबंटित किया जाएगा। वहीं, हर कोचिंग सेंटर में क्लासेज शुरू होने से पहले छात्रों की थर्मल स्कैनिंग करवाना जरूरी है।
प्रदेश में नौ माह से ज्यादा समय से कोचिंग सेंटर बंद पड़े हुए हैं। इससे हजारों छात्र परीक्षाओं को लेकर कोचिंग नहीं ले पा रहे थे। इस वजह से कई युवाओं ने इस बार परीक्षाएं नहीं दीं। छात्रों को डर सता रहा था कि वे बिना कोचिंग के कैसे अपनी पढ़ाई को आगे जारी रखेंगे। ऐसे में छात्रों की इस चिंता को दूर करते हुए सरकार ने यह राहत दी है।
कोरोना काल में मार्च से बंद कोचिंग सेंटर नुकसान झेल रहे थे। कुछ ऐसे भी कोचिंग सेंटर है, जिन्हें बंद करना पड़ा है। करीब नौ माह तक छात्रों ने फीस नहीं दी। इससे कोचिंग सेंटर भी बंद होने की कगार पर थे, लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद कोचिंग सेंटर प्रबंधनों ने भी अब राहत की सांस ली है।