छह माह से दर्दनाक कहरा रहे संत के लिए फरिश्ता बनी पांवटा साहिब की योगिता

मानवता और निष्काम सेवा का एक मामला पांवटा साहिब में सामने आया है। यहां एक युवती योगिता बुजुर्ग संत के लिए फरिश्ता बन कर आई। दरअसल संत अनिल नाथ एक दुर्घटना के बाद दोनों पांव से लाचार होने के बाद 6 महीने से दर्दनाक पीड़ा से गुजर रहा था

छह माह से दर्दनाक कहरा रहे संत के लिए फरिश्ता बनी पांवटा साहिब की योगिता
  
अंकिता नेगी - पांवटा साहिब  18-06-2022
 
मानवता और निष्काम सेवा का एक मामला पांवटा साहिब में सामने आया है। यहां एक युवती योगिता बुजुर्ग संत के लिए फरिश्ता बन कर आई। दरअसल संत अनिल नाथ एक दुर्घटना के बाद दोनों पांव से लाचार होने के बाद 6 महीने से दर्दनाक पीड़ा से गुजर रहा था। जानकारी के अनुसार संत अनिल नाथ (बाबा) पिछले 5 साल से पांवटा साहिब के सिलमौरीताल के पत्थर नाथ मंदिर में यह रहा है तथा 6 महीने पहले संत (बाबा) लकड़ी तोड़ते समय गिर गया।
 
 
 जिस कारण संत की दोनों टांगों के कूल्हे टूट गए। जिसके बाद बाबा सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में उपचार करवाने गया और वहां पर चिकित्सकों ने जांच के बाद पीजीआई चंडीगढ़ या शिमला आईजीएमसी जाने को कहा जब संत (बाबा) ने इसके खर्च पता किया तो चिकित्सकों ने 6 लाख से 8 लाख रुपए के बीच खर्चा बताया। 
 
 
संत अनिल नाथ के पास पैसे ना होने के कारण वह वापस सिरमौरी ताल मंदिर में गया तथा कई लोगों से आर्थिक सहायता गुहार लगाई लेकिन 6 महीने तक सहायता के लिए कोई आगे नहीं आया तथा मंदिर में ही दर्द की पीड़ा से गुजर रहा था। पांवटा साहिब की रहने वाली योगिता गोयल ने बताया की एक महीने पहले एक लावारिस कुत्ते को उपचार करवाने के लिए पशु औषधालय सतौन में चिकित्सक के पास जा रही थी तो सिरमौरी ताल के पास पत्थर नाथ मंदिर के पास सड़क के साथ एक संत (बाबा) लाचार स्थिति में नज़र आया तो गाड़ी रोककर संत से बातचीत की तो पता चला की संत (बाबा) 6 महीने से दर्द की पीड़ा से गुजर रहा है। 
 
 
उसके बाद संत को गाड़ी से नाहन मेडिकल कॉलेज ले गए जहां पर चिकित्सकों ने सारे टेस्ट व एक्स-रे की तो पता चला कि दोनों टांगों के कूल्हे टूटे हुए हैं और इसका उपचार आईजीएमसी शिमला व पीजीआई चंडीगढ़ ही हो सकता है। योगिता गोयल ने बताया की अकेले होने के कारण शिमला या चंडीगढ़ जाना संभव नहीं था जिसके बाद इसकी सूचना पांवटा साहिब के एसडीएम विवेक महाजन को दी तथा एसडीएम को सूचना मिलते ही उन्होंने संबंधित कानून-गो व पटवारी को मौके पर भेजकर रिपोर्ट मंगवाई जिसके बाद एसडीएम विवेक महाजन ने पांवटा साहिब के जगदीश चंद्र जुनेजा चैरिटेबल अस्पताल में बातचीत कर संत अनिल नाथ का उपचार शुरू करवा। 
 
 
एसडीएम विवेक महाजन ने बताया की एक जून को संत को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया तो देर रात को संत (बाबा) को खून की आवश्यकता पड़ी तो देर रात को ही कोलर एक व्यक्ति खून दान करने के लिए आगे आया तथा खून दान किया। जिसके बाद अस्पताल के हड्डी विशेषज्ञ अवकाश कुमार ने उपचार शुरू किया तथा एक टांग के कूल्हे का ऑपरेशन किया जिसमें करीब 4 घंटे का समय लगा तथा दूसरी टांग के कूल्हे का ऑपरेशन 14 जून को हुआ जिसमें साढ़े तीन घंटे का समय लगा। एसडीएम विवेक महाजन ने बताया की संत को दोनों टांगों के कूल्हे का सफल ऑपरेशन हुआ है तथा संत अनिल नाथ कुछ समय के लिए अस्पताल में ही भर्ती रहेगें। 
 
 
जगदीश चंद्र जुनेजा चैरिटेबल अस्पताल के डॉ. अवकाश कुमार ने बताया की संत अनिल नाथ गिरने के कारण दोनों टांगों के कूल्हे टूटने से गंभीर रूप से घायल हुए थे अस्पताल में संत के दोनों टांगों के कूल्हे का सफल ऑपरेशन हुआ जिसमें करीब साढ़े सात घंटे का समय लगा। संत को अभी आराम की जरूरत है तथा कुछ समय बाद संत अनिल नाथ जी चलने की स्थिति में हो जाएंगे। 
 
 
सिरमौरी ताल मंदिर के संत अनिल नाथ ने बताया कि 6 महीने पहले गिरने से बुरी तरह से घायल हो गया था। पैसे के अभाव के कारण उपचार नहीं करवा पा रहा था। संत ने बताया की मैंने तो उपचार करवाने की उम्मीद ही छोड़ दी थी तथा एक दिन अचानक एक लड़की आई और मेरा हालचाल पूछा।
 
 
जिसके बाद बिटिया योगिता गोयल की मदद से एसडीएम विवेक महाजन के सहयोग से उपचार शुरू हुआ तथा अस्पताल के हड्डी विशेषज्ञ डॉ अवकाश ने मेरा सफल ऑपरेशन किया तथा अब पहले से बेहतर स्थिति में हूं तथा सहयोग करने के लिए में हमेशा सभी का आभारी रहूंगा।