यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 17-March-2020
करोड़ों के घोटालेबाज को पकड़ने के लिए सीआईडी ने लाखों खर्च कर अरबी भाषा का दस्तावेज तैयार किया है। इसे दुबई भेज दिया गया है।
6000 करोड़ से ज्यादा के बहुचर्चित टेक्नोमैक घोटाले की जांच कर रही सीआईडी ने कंपनी के एमडी राकेश शर्मा को भारत लाने के लिए एक और अहम पड़ाव पार कर लिया है।
सीआईडी ने अब तक की जांच और स्थानीय कोर्ट में दाखिल चार्जशीट और सबूत के रूप में उपयोग किए गए दस्तावेजों की अरबी भाषा में तैयार की गई प्रति को गृह मंत्रालय के माध्यम से इंटरपोल दुबई को भेज दी है।
सीआईडी ने दस्तावेजों के इस अरबी भाषा में कराए अनुवाद को दिल्ली स्थित एक एजेंसी की मदद से तैयार कराया था। जिस पर लाखों रुपये का खर्च भी किया गया।
सूत्रों का कहना है कि इस प्रति को अब इंटरपोल दुबई के अधिकारी स्थानीय अदालत में पेश करेंगे जहां अदालत में सीआईडी द्वारा भेजे गए दस्तावेजों और केस की गंभीरता पर ट्रायल चलेगा।
ट्रायल के बाद ही कोर्ट इस बात पर फैसला करेगी कि आरोपी राकेश शर्मा को दुबई से भारत भेजा जाए या नहीं। गौर हो कि एसपी संदीप धवल की अध्यक्षता वाली एसआईटी इस महा घोटाले की जांच कर रही है।
पिछले डेढ़ साल के दौरान जांच टीम ने दो दर्जन आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली है। साथ ही मामले में आरोपी सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के खिलाफ अभियोजना स्वीकृति हासिल कर उनके खिलाफ स्थानीय अदालत में चार्जशीट पेश कर दी है।
इस बीच सीआईडी ने सीबीआई की मदद से इंटरपोल से शर्मा के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी करा लिया था।
बताया जा रहा है कि सीआईडी ने शर्मा की दुबई के ठिकाने की सटीक जानकारी उपलब्ध कराई जिसके बाद इंटरपोल ने राकेश को दुबई में ढूंढ निकाला।
फिलहाल वह दुबई पुलिस की हिरासत में है और सीआईडी उसे हिमाचल लाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।