नाहन में कर्मचारी नेताओं की दादागिरी, कार्यालय में घुसकर अधिकारी पर जानलेवा हमला
एचपीसीए और अराजपत्रित कर्मचारी नेताओ दो घंटे तक बंधक बनाया उपनिदेशक को
रमेश पहाड़िया - नाहन 21 April 2020
देव भूमि सिरमौर के लोग शांति, सदभाव और आथित्य सत्कार के लिए प्रदेश भर में विख्यात है, लेकिन इस देव भूमि पर कुछ लोगों द्वारा बदनुमा दाग लगाने का प्रयत्न किया जा रहा है, जिसके चलते भगवान परशुराम की जन्म स्थली सिरमौर बदनाम हो रही है।
ऐसा एक बदनाम करने वाला मामला गत दिनों जिला सिरमौर में सामने आया जहां कुछ अराजपत्रित कर्मचारी संघ के नेताओं व हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारियों द्वारा सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले अधिकारियों के साथ बदसलूकी मारपीट की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक गत दिनों कुछ अराजपत्रित कर्मचारी संघ के नेताओं में जिला मुख्यालय नाहन स्थित एक कार्यालय में घुसकर उपनिदेशक के साथ ना केवल बदसलूकी की बल्कि मारपीट की की गई है। यही सूत्रों का कहना है कि उक्त लोगों में उपनिदेशक को करीब दो घंटे तक बंधक भी बनाया। इस मंडली में जहां अराजपत्रित कर्मचारी संघ के कुछ नेता शामिल थे वहीं हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी भी इस जुंडली में शामिल है। सूत्रों का कहना है कि इन लोगों ने अवकाश के दिन जिला के अधिकारी के कार्यालय अधिकारी के साथ की मारपीट की। जानकारों का कहना है अराजपत्रित कर्मचारी संघ के नेताओं को स्थानीय राजनेताओं की शय होने के चलते वह ना केवल अधिकारियों कर्मचारियों के साथ मारपीट कर रहे हैं बल्कि उनकी दादागिरी के चलते कई अधिकारी सहमे हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इन नेताओं की दादागिरी इसी तरह चलती रही तो सरकारी कार्यालयों में काम करना दुभर हो जाएगा। गौर हो कि जिला मुख्यालय नहान में कुछ दिन पहले अराजपत्रित कर्मचारी संघ के नेताओं ने जिला कृषि विभाग के कृषि उपनिदेशक के साथ मारपीट , बदसलूकी और जान से मारने की कोशिश की गई।
जुंडली में अराजपत्रित कर्मचारी नेताओं के साथ हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी भी शामिल थे। सूत्रों का तो यह भी कहना है कि उपरोक्त सभी लोग शराब के नशे में टल्ली होकर अधिकारी के कार्यालय में घुसे थे।
बताते हैं कि कृषि विभाग में कार्यरत एक जेई के साथ उक्त जुंडली का उठना बैठना है जिसके चलते उन्होंने जिला कृषि उपनिदेशक के साथ मारपीट की। अब देखना यह है कि क्या जिला प्रशासन संबंधित विभाग व पुलिस प्रशासन उपरोक्त राजपत्रित कर्मचारी नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाही करती है या नहीं।
अभी देखना है कि अराजपत्रित कर्मचारी संघ के जिन नेताओं द्वारा इस प्रकार की घिनौनी वारदात को अंजाम दिया गया क्या अराजपत्रित कर्मचारी संघ के अन्य नेता और सदस्य उक्त नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में लाएंगे या फिर आम कर्मचारी को इनकी दादागिरी का शिकार होना पड़ेगा।
पुलिस अधीक्षक सिरमौर अजय कृष्ण शर्मा ने बताया कि 15 अप्रैल को राजेश कौशिक जब अपने दफ्तर में बैठकर किसानों के कामकाज के लिए जरूरी कागज तैयार कर रहे थे तभी शाम के समय आरोपी अतर सिंह नेगी ( कृषि विभाग से सेवानिवृत ) कृषि विभाग के जेई दीपक चंदेल , शारीरिक शिक्षक शिशुपाल और अराजपत्रित कर्मचारी सघ के अध्यक्ष राजेंद्र बब्बी उनके दफ्तर में घुसे तथा उनके साथ मारपीट की।
पुलिस में दर्ज एफआईआर के मुताबिक आरोपियों ने ट्रॉफी तथा रोड के साथ मारपीट की और कार्यालय में सामान तोड़फोड़ की। एसपी सिरमौर अजय शर्मा ने बताया की पुलिस ने आईपीसी की धारा 353 , 332, 357, 506, 427 व 34 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू दी गई है।
उपरोक्त धाराओं के तहत आरोपी को दो से सात साल तक की सजा का प्रवधान है। उन्होंने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार कर जमानत पर गया है। बताते है कि आरोपियों ने उपनिदेशक को दो घंटे तक न केवल बनाया बल्कि जान से मारने की धमकियां दी।
आरोपियों में राजेंद्र बब्बी अराजपत्रित कर्मचारी संघ के अध्यक्ष है, जबकि अतर सिंह नेगी हिमाचल क्रिकेट संघ के पदाधिकारी है। अलावा शिशुपाल शिक्षा विभाग में बतौर शारीरिक शिक्षक है जबकि दीपक चंदेल कृषि विभाग में जेई की पद कार्यरत है।
कृषि विभाग ने दीपक चंदेल को चार्जशीट कर दिया है। अब देखना यह है की क्या एचपीसीए और अराजपत्रित कर्मचारी संघ अपने पदाधिकारियों को निष्काषित करते है या नहीं।