अतिरिक्त उपायुक्त शिवम प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आज उपायुक्त कार्यालय के रोजना हॉल में जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में बाल कल्याण एवं संरक्षण योजना के प्रावधानों को सख्ती से लागू करने, बाल आश्रमों में बच्चों को दी जा रही सुख-सुविधाओं और गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने, मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के प्रावधानों पर चर्चा सहित बाल उत्पीड़न व बाल यौन शोषण व अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि बच्चों की बेहतर देखभाल करना, उन्हें सुख सुविधाएं व गुणवत्ता युक्त शिक्षा एवं सुरक्षा प्रदान करना हम सभी का परम कर्तव्य है। उन्होंने बैठक में उपस्थित विभिन्न संस्थाओं के सभी प्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों से आह्वान किया कि वह अंतर्मन व सच्ची निष्ठा से कार्य करें ताकि ऐसे बच्चे, जिनका कोई सहारा नहीं है, उनको सम्बल मिल सके और उनके भविष्य को संवारा जा सके।
उन्होंने कहा कि किसी बच्चे के प्रति हमारी छोटी सी कोशिष, बच्चे का भविष्य बदल सकती है। उन्होंने कहा कि मिशन वात्सल्य के तहत वर्तमान में जिला शिमला में 338 बच्चे 11 बाल-बालिका देखभाल केन्द्रों व आश्रमों में पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा कि बाल-बालिका उत्पीड़न, बच्चों को कारपोरल पनिशमेंट जैसे थप्पड़ व डंडे से मारने जैसी सजा तथा यौन शौषण रोकने व नशीली दवाओं के दुरूपयोग एवं परामर्ष के लिए जिला के उपरी व दूरदराज क्षेत्रों तथा सभी शैक्षणिक संस्थानों में भी में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना आवश्यक है। शिवम प्रताप सिंह ने जिला के सभी स्कूलों में बाल-बालिका उत्पीड़न व यौन शौषण रोकने, छुआछूत, छेड़छाड़ को रोकने, मिड डे मील की गुणवत्ता व स्वच्छता तथा नशीली दवाओं के दुरूपयोग, एवं परामर्श के लिए उप निदेशक प्राथमिक शिक्षा की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की जो किशोर न्याय बोर्ड, जिला बाल संरक्षण इकाई तथा सीडब्ल्युसी के प्रतिनिधियों के सहयोग से स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों को जानकारी देना सुनिश्चित करेंगे और यह भी सुनिष्चित करेंगे कि स्कूलों में इस तरह की कोई घटना न हो।
उन्होंने एक महीने में भीतर उपनिदेशक प्राथमिक शिक्षा को इस सम्बन्ध में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश भी दिए। अतिरिक्त उपायुक्त ने जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा जिला बाल संरक्षण इकाई को भी स्कूलों में समय-समय पर निरीक्षण व चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 को सभी स्कूलों तथा सार्वजनिक स्थानों में प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना को लागू करने पर भी विस्तार से चर्चा की गई। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जिस मंशा से सुख आश्रय योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया है उसका लाभ अनाथ आश्रम के हर बाल-बालिका को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुख आश्रय योजना के प्रावधानों के अनुसार अनाथ आश्रम में रह रहे हर बच्चे को सभी प्रकार की सुख सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के साथ गुणवत्ता युक्त शिक्षा भी मिले इसके लिए शहर के बहुचर्चित निजी स्कूलों में भी आश्रम के बच्चों को दाखिल करने की प्रक्रिया आरम्भ कर दी गई है।
जिस बारे उप निदेशक प्राथमिक एवं उच्च को एक सप्ताह के भीतर दाखिल किए गए बालक बालिकाओं की रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी (महिला एवं बाल विकास) एवं समिति की सदस्य सचिव ममता पॉल में बैठक का संचालन किया और बैठक के एजेंडे में सम्मिलित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर उप निदेशक प्राथमिक शिक्षा खेमराज भंडारी, जिला समन्वयक परामर्श कौशल विकास निगम राधिका शर्मा, डीसीपीओ रमा कंवर , श्रम अधिकारी सीएम शर्मा, उप पुलिस अधीक्षक तेजेन्द्र वर्मा, अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी अमित पाल भारद्वाज, स्वास्थ्य विभाग से डॉ मनीष सूद, सदस्य किशोर न्याय अधिनियम सुनीता सूद सहित बालिका आश्रम टूटीकंडी, सुन्नी चाईल्ड लाईन शिमला, ऑब्जरवेशन होम हिरानगर, किशोर न्याय बोर्ड, जिला बाल संरक्षण इकाई व सीडब्ल्यूसी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।