बल्क ड्रग पार्क के लिए उद्योग विभाग को नहीं मिले कंसल्टेंट, प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने कंपनियों से मांगे आवेदन
हिमाचल प्रदेश के महत्वाकांक्षी बल्क ड्रग फार्मा पार्क की डीपीआर तैयार करने के लिए कोई कंसल्टेंट आगे नहीं आया है। विभाग ने कंपनियों से आवेदन मांगे थे। टेंडर कॉल किए गए, लेकिन टेंडर में किसी भी कंपनी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई और कोई भी आवेदन विभाग को प्राप्त नहीं हुए
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 11-03-2023
हिमाचल प्रदेश के महत्वाकांक्षी बल्क ड्रग फार्मा पार्क की डीपीआर तैयार करने के लिए कोई कंसल्टेंट आगे नहीं आया है। विभाग ने कंपनियों से आवेदन मांगे थे। टेंडर कॉल किए गए, लेकिन टेंडर में किसी भी कंपनी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई और कोई भी आवेदन विभाग को प्राप्त नहीं हुए है। अब विभाग ने दोबारा से कंपनियों से आवेदन मांगे हैं।
कंपनियां 20 मार्च तक बतौर कंसल्टेंट आवेदन कर सकती हैं। केंद्र सरकार ने उद्योग विभाग को प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार करने के लिए अलग से कंसल्टेंट हायर करने के लिए कहा। ऐसा इसलिए ताकि विभाग योजनाबद्ध तरीके से और प्रभावशाली डीपीआर तैयार करके केंद्र को दी जा सके। कंसल्टेंट की ही जिम्मेदारी होगी, वह डीपीआर तैयार करके उसे केंद्र से भी मंजूर करवाए।
हालांकि विभाग के पास अभी कंसल्टेंट हायर करने के लिए 4 महीने का समय है, लेकिन विभाग चाह रहा है कि जल्दी से कंसल्टेंट नियुक्त करके जल्दी-जल्दी डीपीआर तैयार की जा सके, ताकि केंद्र से प्रोजेक्ट के लिए पैसा मिलता रहे। 1923 करोड़ रुपए के बल्क ड्रग्स फार्मा पार्क के लिए केंद्र सरकार 225 करोड़ रुपए की पहली ग्रांट जारी कर चुकी है।
इन पैसों को कैसे और किस तरह खर्च करना है, इसके लिए भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का गठन किया जाना है, जिसकी प्रक्रिया भी साथ-साथ जारी है। अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। मंत्री बोर्ड के अध्यक्ष होंगे, लेकिन सदस्य किन्हें नियुक्त किया जाना है, इस पर मंथन जारी है। प्रोजेक्ट के लिए केंद्र से जो पैसा जारी हुआ है, उसे खर्च करने के लिए उद्योग विभाग जल्दी-जल्दी BOD करवाने की तैयारी में है।
पैसों को खर्च करने की मंजूरी के बाद विभाग प्रोजेक्ट पर अपना काम शुरू कर सकेगा। विभाग 20 मार्च तक कंसल्टेंट हायर करने की अपनी प्रक्रिया को भी पूरी कर लेगा। 1923 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट से हिमाचल में 11 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है। 9 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद लगाई गई है।
उद्योग विभाग के निदेशक राकेश प्रजापति ने कहा है कि प्रोजेक्ट के लिए कंसल्टेंट के लिए आवेदन मांगे थे, लेकिन कोई आगे नहीं आया। अब दोबारा से टेंडर कॉल किए गए हैं। आवेदन करने की डेट 20 मार्च तक तय की गई है।