युवा कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने केंद्रीय नेतृत्व काे बताया दिशा हीन और नेतृत्व विहीन
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 19-11-2020
युवा कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश गुप्ता उर्फ राॅकी ने कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व काे दिशा हीन और नेतृत्व विहीन करार दिया है। इसी के फलस्वरूप विहार के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को मुंह की खानी पड़ी है। पंचरुखी विकास खंड के पट्टी में पत्रकारों से बाचीत में राजेश रॉकी ने कहा शीर्ष नेतृत्व के कारण बिहार की जनता में भी कांग्रेस के प्रति नफरत साफ दिख गई है।
उन्हाेंने कहा बिहार में कांग्रेस काे चुनाव लड़ने के बजाय आरजेडी को ही चुनाव लड़ने देना चाहिए था, ताकि वहां अारजेडी की सरकार बनती व भाजपा नीत सरकार काे सत्ता विहीन रहने काे मजबूर हाेना पड़ सकता था। उन्होंने कहा बिहार की जनता ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को आईना दिखाकर संगठनात्मक रूप से कांग्रेसी पार्टी काे खोखला साबित कर दिया है।
उन्हाेंने कहा कांग्रेस की लगातार हार का कारण शीर्ष नेतृत्व में गति, प्रयास व संगठनात्मक मजबूती में कमी रही है। यही कारण है कि कांग्रेस की दुर्दशा को देखकर आम कार्यकर्ता सहमा व टूटा हुआ है। उन्होंने कहा कांग्रेस के बजूद को जिंदा रखने एवं राष्ट्र स्तर पर कांग्रेस की वापसी के लिए निश्चित तौर पर शीर्ष नेतृत्व में परिवर्तन करना होगा।
हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार के तीन साल पूरे होने को हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी के विधायक, पूर्व विधायक एवं संगठन के पदाधिकारी जनता को दरकिनार रखकर घरों में दुबके बैठे हैं, जबकि प्रदेश में प्रत्येक कांग्रेस नेता मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में दावेदारी जताने में मशगूल है। कभी कांगड़ा तो कभी शिमला से दावेदारी जताकर सुर्खियां बटोरने में जुटे हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि अगर शीर्ष नेतृत्व हिमाचल की बागडाेर पुन: पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को साैंपकर खुली छूट दे, तो निश्चित तौर पर संगठन को नए सिरे से मजबूती मिलेगी। उन्हाेंने वीरभद्र सिंह के स्वास्थ्य में सुधार काे कांग्रेस पार्टी के लिए साैभाग्य की बात बताया। उनकी जागरूकता ही कार्यकर्ताअाें की संजीवनी अाैर जनता में कांग्रेस के प्रति निष्ठा है।
राजेश राॅकी ने कहा कि प्रदेश में अगली सरकार भी कांग्रेस की हो, इसके लिए वीरभद्र सिंह काे एक बार फिर खुली छूट देनी हाेगी। उन्हाेंने कहा प्रदेश में कांग्रेस का अगला मुख्यमंत्री काेई भी हाे, लेकिन पहले जीत के संगठित प्रयास अावश्यक हैं। प्रदेश कांग्रेस में कुछ नेता माैके का फायदा उठाकर दूसरे दलाें में भी जाने काे अातुर हैं तथायहां भी मध्य प्रदेश अाैर राजस्थान जैसे हालात बनने से पहले संगठन की मजबूती के लिए वीरभद्र सिंह काे नेतृत्व साैंपना चाहिए।
उन्हाेंने कांग्रेस नेताअाें काे नसीहत दी कि मुख्यमंत्री पद की दावेदारी काे छाेड़कर कार्यकर्ताओं काे साथ लेकर कांग्रेस की नीतियाें और कार्यक्रमाें से जनता काे जागरूक करें। पूर्व युकां नेता ने कहा कांग्रेस काे लाचार बनाने वाले अपने ही लाेग हैं। भाई भतीजावाद, पुत्र माेह आदि के कारण वर्तमान में कांग्रेस पार्टी डूबने के कगार में पहुंची है।