राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र का गौरव लौटाकर बनाएगी ग्लोबल सिटिजन : गोविंद ठाकुर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र का गौरव लौटाकर बच्चों का बहुआयामी विकास कर उन्हें ग्लोबल सिटिजन बनाने में मददगार होगी। शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने आज मनाली विधानसभा के अंतर्गत राजकीय डिग्री कॉलेज हरिपुर में छात्रों के साथ शिक्षा संवाद के दौरान ये बात कही।
यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू 20-09-2022
राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र का गौरव लौटाकर बच्चों का बहुआयामी विकास कर उन्हें ग्लोबल सिटिजन बनाने में मददगार होगी। शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने आज मनाली विधानसभा के अंतर्गत राजकीय डिग्री कॉलेज हरिपुर में छात्रों के साथ शिक्षा संवाद के दौरान ये बात कही।
उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति रोजगारोन्मुख होगी। छठी कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा का ज्ञान मिलेगा और 9वीं कक्षा में बच्चे अपनी रूचि के अनुसार व्यावसायिक विषय चुनने में स्वतंत्र होंगे। बच्चों को फील्ड में जाकर व्यवहारिक तकनीकी ज्ञान उपलब्ध करवाया जाएगा। आने वाले समय में प्रत्येक व्यक्ति विकसित देशों की तर्ज पर अपने हाथ से काम करने में समर्थ होगा जिससे एक मजबूत राष्ट्र निर्माण की परिकल्पना का स्वप्न साकार होगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 5 जमा 3 जमा 3 जमा 4 पैटर्न अपनाया जाएगा। जिसमें तीन साल में बच्चे को प्री-नर्सरी, चौथे साल में नर्सरी, 5वें में के.जी. तथा 6वें साल में पहली कक्षा में प्रवेश मिलेगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिये घर में तथा स्कूलों में एक उपयुक्त वातावरण उपलब्ध करवाना होगा।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि यह दुनिया की ऐसी नीति बनी है जिसमें सबसे ज्यादा संवाद हुआ है। इस नीति के निर्माण में शीर्ष स्तर से लेकर ग्रामीण स्तर तक समितियां बनाई गई और बेहतर सुझावों का समावेश इसमें किया गया है। उन्होंने कहा यह नीति बच्चों को ऐसा वैश्विक ज्ञान देने की ताकत रखती है जिससे भारत वैश्विक ज्ञान का केंद्र बनेगा।
उन्होंने कहा कि लार्ड मैकाले ने भारत के लिए जो शिक्षा नीति लाई थी, उसके बारे कहा था कि यदि यह नीति 20 सालों के लिए भी लागू हो जाए तो हम भारत पर अगले 400 सालों तक शासन कर सकते हैं। इस नीति से पूरी तरह से पश्चिमी सोच का समाज बनेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लाया है जिसे लागू करना हम सभी की जिम्मेवारी है। इस नीति में भारतीय मूल्यों, संस्कृति व परम्पराओं का ज्ञान बच्चों को मिलेगा। राष्ट्र निर्माण का कार्य करने वाली यह नीति समाज में आने वाले कुछ सालों में बड़ा बदलाव लाने की ताकत रखती है।