सीसीआई के खिलाफ एक दर्जन पंचायतों के लोगों ने खोला सीसीआई , एसडीएम को सौंपा शिकायत पत्र

सीसीआई के खिलाफ एक दर्जन पंचायतों के लोगों ने खोला सीसीआई , एसडीएम को सौंपा शिकायत पत्र

यंगवार्ता न्यूज़ . पांवटा साहिब 05-10-2020

सीसीआई द्वारा स्थानीय लोगों को रोजगार देने के विरोध में पांवटा और शिलाई विधानसभा की करीब एक दर्जन पंचायतों के प्रतिनिधियों ने ( सीसीआई ) यानी भारतीय सीमेंट निगम के राजबन प्लांट के खिलाफ लामबंद हो गए हैं।

पंचायतों के प्रतिनिधियों के आरोप हैं कि सीसीआई ने स्थानीय लोगों के साथ हुए करार के अनुसार स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया है न ही क्षेत्र में सड़क शिक्षा स्वास्थ्य और पेयजल आदि के बारे में लोगों से किए वादे पूरे किए हैं। भजौन, सतोन , मालगी , कोडगा , सखोली , कठवाड , चांदनी , छछेती , मुंगलवाला करतारपुर और कांटी मशवा के पंचायत प्रतिनिधियों ने सीसीआई के खिलाफ आवाज बुलंद की है।

पंचायत प्रतिनिधियों के आरोप है कि सीसीआई ने स्थानीय पंचायतों से किया कोई भी वादा पूरा नहीं किया है। कंपनी में 90 फ़ीसदी रोजगार स्थानीय लोगों को देने की बात हुई थी लेकिन कंपनी में स्थानीय लोगों को 10 से 20 फ़ीसदी रोजगार दिया जा रहा है। बाकी सारे ठेकेदारों के माध्यम से बाहरी लोगों से करवाए जा रहे हैं। जिसमें प्रबंधन वर्ग के कुछ लोगों की भी मिलीभगत है।

यही नहीं कंपनी ने फैक्ट्री और खदान के आसपास की पंचायतों में शिक्षा स्वास्थ्य सड़क और पेयजल आदि में जो खर्च करना था वह भी यहां नहीं किया जा रहा है। 11 पंचायतों के प्रतिनिधियों भजोन पंचायत प्रधान सूरतो देवी , मशवा की प्रधान दुर्गा देवी , सखोली प्रधान सुन्दर सिंह , कोडगा की प्रधान गीता देवी , सतोन के उपप्रधान रामेश्वर शर्मा , छछेती प्रधान सतपाल सिंह , मालगी प्रधान सीमा कपूर, कठवाड प्रधान चंद्रकला , कांटी मशवा के उपप्रधान सुन्दर सिंह, चांदनी प्रधान रीता देवी ,चांदनी उपप्रधान अनिल कुमार , मुंगलवाला करतारपुर के उपप्रधान मनोज कुमार आदि का यह कहना है कि यह स्थिति 1980 से लगातार बनी हुई है।

हालांकि लोग समय.समय पर आवाज बुलंद करते रहे लेकिन कंपनी प्रबंधन सदैव लोगों की आवाज को दबाया जाता रहा है। लिहाजा अब पंचायतों के प्रतिनिधियों ने स्थानीय एसडीएम के माध्यम से प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि 1980 में कंपनी के साथ हुए करार के अनुसार स्थानीय लोगों को रोजगार और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए।

पंचायतों के प्रतिनिधियों का आरोप यह भी है कि सीसीआई की खदान पर भारी मात्रा में विस्फोटकों का प्रयोग कर चट्टानों को तोड़ा जाता है।जिसकी वजह से क्षेत्र में हर तरह का प्रदूषण फैल रहा है। प्रतिनिधियों का कहना है कि क्षेत्र की उक्त पंचायतों के लोग दशकों से खदान और उद्योग से होने वाले नुकसान को झेल रहे हैं लेकिन बदले में सीसीआई उन्हें रोजगार तक उपलब्ध नहीं करा रहा है।

ऐसे में पंचायतों के लोग सख्त रुख अपनाने को मजबूर हो गए हैं। हैरानी की बात यह है कि सीसीआई पंचायटी प्रतिनिधियों के साथ हुए करार की कॉपी तक पंचायत प्रतिनिधियों को उपलब्ध नहीं करवा रहा है। इन सब शिकायतों को लेकर कुछ पंचायत प्रतिनिधियों ने 11 पंचायतों के प्रतिनिधियों का हस्ताक्षरित पत्र स्थानीय एसडीएम एलआर वर्मा को सौंपा है।

प्रतिनिधियों ने मांग की है कि सीसीआई के साथ हुए करार के अनुसार स्थानीय लोगों को रोजगार एवं सुविधाएं प्रदान करवाई जाएं। पंचायत प्रतिनिधियों ने मांग की है कि सीसीआई और स्थानीय प्रशासन की एक कमेटी गठित की जाए जिसमें उक्त सभी पंचायतों के प्रतिनिधियों को सदस्य एवं पदाधिकारियों के रूप में नियुक्त किया जाए।