हिमाचल में घरेलू बिजली महंगी होने के कम आसार
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 04-06-2020
कोरोना संकट के बीच हिमाचल में इस साल घरेलू बिजली महंगी होने के आसार कम हैं। आर्थिक संकट से जूझ रही जनता पर और अधिक बोझ नहीं डालने का इस सप्ताह फैसला हो सकता है।
राज्य विद्युत नियामक आयोग ने नई बिजली दरों को लेकर रिपोर्ट तैयार कर ली है। संभावित है कि इस सप्ताह अंत तक दरें घोषित हो जाएंगी। बोर्ड ने साढ़े आठ फीसदी की दर से बिजली महंगी करने का प्रस्ताव भेजा है।
जनता ने सुझाव और आपत्तियों में दरें न बढ़ाने की मांग की है। उधर, सरकार यूनिट स्लैब पर कोविड सेस लगाकर बिजली बोर्ड का घाटा पूरा कर सकती है। इससे संभावित है कि इस साल घरेलू बिजली दरें न बढ़ें।
सरकार बिजली के प्रति यूनिट स्लैब पर कोविड सेस लगाने का विचार कर रही है। बीते दिनों कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा हुई है। बिजली बोर्ड से रिपोर्ट मांगी गई है। प्रति स्लैब पर ही कोविड सेस लगाकर राजस्व जुटाने का प्रयास किया जाएगा।
बिजली की दरों को इस साल नहीं बढ़ाया जाए। बता दें कि बिजली बोर्ड ने विद्युत नियामक आयोग से बिजली दरों में 8.73 फीसदी की बढ़ोतरी मांगी है। 487 करोड़ के राजस्व घाटे का हवाला देते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 6000 करोड़ के वार्षिक राजस्व की जरूरत बताई है।
बीते साल के मुकाबले इस बार बोर्ड ने 882 करोड़ की अधिक मांग की है। बोर्ड ने आयोग को भेजी पिटीशन में हिमाचल के करीब 20 लाख घरेलू उपभोक्ताओं और 30 हजार औद्योगिक घरानों को दी जाने वाली बिजली सप्लाई को 8.73 फीसदी की दर से बढ़ाने की मांग की है।
साल 2019 में आयोग ने बोर्ड के 5117.95 करोड़ के वार्षिक राजस्व जरूरत को पूरा करने के लिए घरेलू बिजली प्रति यूनिट पांच पैसे और उद्योगों को दी जाने वाली बिजली को दस पैसे प्रति यूनिट की दर से बढ़ाया था।
इसके बावजूद बोर्ड को 2019-20 में 487.88 करोड़ का घाटा हुआ है। ऐसे में बोर्ड ने 2020-21 के लिए 6000.52 करोड़ के वार्षिक राजस्व जरूरत का प्रस्ताव आयोग को भेजा है।
साल 2017-18 और 2018-19 में घरेलू बिजली की दरें नहीं बढ़ाई थीं। साल 2016 में घरेलू बिजली साढ़े तीन फीसदी महंगी हुई थी।