हिमाचल में बिना पंजीकरण के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 14-09-2020
हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठों व दूसरे मंदिरों में बाहरी राज्यों से दर्शन के लिए आने वाले लोगों का पहले पंजीकरण किया जाएगा। उन लोगों को अपना पंजीकरण करवाना होगा।
जिसके बाद आसानी से वह मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने अलग से मंदिर पंजीकरण की व्यवस्था शुरू की है, जो पर्यटक प्रदेश के बाहर से हिमाचल के मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए आना चाहते हैं, उन्हें पहले मंदिर के लिए अपना पंजीकरण करवाना होगा।
उसी के बाद उन्हें मंदिरों में भगवान के दर्शन करने की मंजूरी दी जाएगी। इस बीच अगर कोई पर्यटक हिमाचल घूमने आता है और वह मंदिर जाना चाहता है, तो उसे मंदिर जाने की अनुमति नहीं होगी। जब तक उसके पास मंदिर जाने का पास नहीं होगा।
लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आईटी विभाग ने ई. रजिस्ट्रेशन सेवा में मंदिरों के लिए अलग से पंजीकरण की व्यवस्था की है। प्रदेश में मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुलते ही पर्यटक श्रद्धालुओं की आमद भी बढ़ने लगी है।
तीन दिन में 371 पर्यटक श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जाकर भगवान के दर्शन किए हैं, जिनका पूरा ब्यौरा भाषा संस्कृति विभाग रख रहा है। सरकार ने 10 सितंबर से प्रदेश में मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए थे और देश-प्रदेश से भक्तों का मंदिरों में आना शुरू हो गया है।
इन तीन दिनों में बिलासपुर में सबसे ज्यादा 77 श्रद्धालु पर्यटकों ने मंदिरों में शीश नवाया है। चंबा में छह, हमीरपुर में 22, कांगड़ा के मंदिरों में 55, कुल्लू के मंदिरों में 50, मंडी में सात, शिमला में 29, सिरमौर में 30, सोलन में 28 और ऊना में 67 पर्यटकों ने मंदिरों में जाकर भगवान का आशीर्वाद लिया है।
हिमाचल देवभूमि है और वहां पर प्रसिद्ध शक्तिपीठ हैं, जहां पर बाहर से लाखों लोग आते हैं, मगर कोरोना के कारण यहां पर रोक लगाई गई थी जिसे अब खोला गया है परंतु कुछ नियम भी तय किए गए हैं, ताकि कोरोना से बचाव हो सके।
हिमाचल के प्रसिद्ध शक्तिपीठ, धार्मिक स्थल शुरू से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहे हैं। पर्यटन विभाग भी इन्हें पर्यटन के साथ जोड़ कर पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने जा रहा है।
इसी के दृष्टिगत सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने पर्यटक श्रद्धालुओं के लिए अलग से मंदिर पंजीकरण की सेवा शुरू की है, ताकि इससे मंदिर जाने वाले लोगों का रिकार्ड भी बना रहे। प्रदेश में यह नई व्यवस्था हुई है।