10वीं व 12वीं में 95 फीसदी अंक, यूजी परीक्षाओं में फेल परीक्षा परिणाम से सदमे में छात्र
हिमाचल प्रदेश विवि आजकल यूजी (UG)परीक्षा परिणाम को लेकर चर्चा में है। छह माह बाद यूजी प्रथम वर्ष का परीक्षा परिणाम तो निकला, लेकिन इस परीक्षा परिणाम में प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ने वाले 80 फीसदी छात्र फेल
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 29-11-2022
हिमाचल प्रदेश विवि आजकल यूजी (UG)परीक्षा परिणाम को लेकर चर्चा में है। छह माह बाद यूजी प्रथम वर्ष का परीक्षा परिणाम तो निकला, लेकिन इस परीक्षा परिणाम में प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ने वाले 80 फीसदी छात्र फेल गए।
परीक्षा परिणाम के बाद कई छात्र सदमे में है तो कुछ के आत्महत्या करने की कोशिशों की खबरें आ रही है। जिसको लेकर छात्र संगठनों ने एचपीयू प्रशासन (HPU Administration) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
एक सप्ताह पहले आए परीक्षा परिणाम के बाद से छात्र संगठन हिमाचल प्रदेश विवि के खिलाफ धरने प्रदर्शन कर रहे है। छात्र आंदोलन से डरे विवि के वीसी (Vice chancellor)से लेकर बड़े अधिकारी सोमवार को अपनी कुर्सी पर नजर नहीं आए।
परीक्षा परिणाम में 10th व 12th में 94 और 95% अंक थे, उसको भी फेल कर दिया गया है। कांगड़ा के जयसिंहपुर की सगुन ने दसवीं व बारहवीं में 94 और 95% अंक प्राप्त किए थे और बीएससी (Bsc) कर रही थी। लेकिन उसको फेल कर दिया गया है।
अधरंग (paraplegia) के मरीज सगुन के पिता कश्मीर सिंह ने बताया कि परीक्षा परिणाम आने के बाद से बेटी सदमे में है और कुछ भी कर सकती है। बेटी के लिए वह HPU पहुंचे थे, लेकिन उन्हें किसी ने नहीं पूछा।
ABVP ने एचपीयू में भी वीसी कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया व जमकर नारेबाजी की। छात्रों का आरोप है कि इस बार एचपीयू ने पेपर चैकिंग के लिए कम्प्यूटर का इस्तेमाल किया। यानी मैनुअल आधार (manual base) पर पेपर चेक नहीं हुए। जिसकी वजह से छात्र में फेल कर दिए गए हैं।
ABVP का कहना है कि विवि द्वारा मामले को जल्द हल करने का आश्वासन दिया था। लेकिन 5 दिन के बाद छात्रों को अभी तक कोई राहत नहीं दी गई है। जिसके चलते आंदोलन को और तेज किया जाएगा। SFI ने भी हिमाचल विश्वविद्यालय परिसर में विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्रों के भविष्य से साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।
आधे अधूरे परीक्षा परिणाम को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ छात्रों में रोष है।एसएफआई 24 घंटे की सांकेतिक हड़ताल पर बैठ गई है। यदि प्रशासन नही जागता है तो विश्वविद्यालय का घेराव करते हुए शहर के कॉलेजों सहित विश्वविद्यालय को ताला लगाएगी।
हालांकि एचपीयू प्रशासन ने अब विकल्प दिया है कि छात्र इसके लिए रिचेकिंग और री-इवैल्यूएशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें 300 रुपए फीस प्रति सब्जेक्ट देनी होगी।.रि-चेकिंग में केवल जो कुल अंक दिए हैं, उनका दोबारा जोड़ किया जाएगा।
जबकि पुनर्मूल्यांकन में किसी अन्य शिक्षक से पेपर चैक करवाए जाएंगे। वैसे खराब परीक्षा परिणाम आने का कारण कोविड भी माना जा रहा है। कोविड में दो साल छात्रों को प्रमोट किया गया है, तो ऐसे में छात्र इस बार भी इसी तरह की मनोस्थिति में थे।