अब नई जमीनें खरीदने से हिमुडा के हाथ खड़े, बतौर आर्किटेक्ट करेगा काम
यंगवार्ता न्यूज - शिमला 01-10-2020
अपनी जमीन खरीदकर निर्माण कार्य कर उसे बेचने का काम करने वाली हिमुडा अब जमीन नहीं खरीदेगी। खासकर तब तक ,जबकि उसकी वह जमीन न बिक जाए, जो उसके पास यूं ही बेकार पड़ी है। करोड़ों रुपए की ऐसी जमीन हिमुडा के पास प्रदेश के कई क्षेत्रों में पड़ी है, जिसका कोई इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।
ऐसे में अब नई जमीन खरीदने से हिमुडा ने तौबा कर ली है और निर्णय लिया है कि वह निजी बिल्डरों और भू-मालिकों को सलाह देने का काम करेगा। एक तरह से आर्किटेक्ट का काम उसके द्वारा किया जाएगा।
भविष्य में वह दूसरों को सलाह देगा और उसके अभियंता बताएंगे कि किस जमीन पर किस तरह का निर्माण कार्य किया जाना चाहिए। इसके लिए एक लैंड पूलिंग पॉलिसी को हिमुडा ने मंजूरी दी है, जो इसी को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इसमें लोगों की जमीन को डिवेलप करने का काम करने का कांट्रैक्ट हिमुडा लेगा और इसकी एवज में कुछ फीसदी राशि वसूल करेगा।
इसी से आगे उसका कामकाज चलेगा। जो जमीन उसके पास पड़ी है, उसे विकसित किया जाएगा और जब तक उस जमीन पर फ्लैट या प्लॉट नहीं बिक जाते, तब तक आगे नई जमीन नहीं ली जाएगी। बेकार पड़ी करोड़ों रुपए की जमीन को लेकर हिमुडा प्रशासन विवादों में है और लगातार उसपर निशाना साधा जा रहा है।
ऊना की जमीन का जो विवाद खड़ा हुआ है, वह सुलझ नहीं पा रहा है, जिसके बाद दूसरे क्षेत्रों में पड़ी जमीन का मुद्दा भी सामने है। यह देखा गया है कि जहां-जहां पर अब हिमुडा की जमीन पड़ी है, वहां कोई खरीददार नहीं मिल रहा है।
ऐसे में जो फ्लैट व प्लॉट पड़े हैं, उनको पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर बेचने की कोशिशें हो रही हैं, जिसमें कुछ सफलता मिलने भी लगी है। मगर नई जमीन लेकर उसपर निर्माण कार्य करके आगे काम करने से अब हिमुडा ने हाथ खींच लिए हैं। बता दें कि हिमुडा के पास कर्मचारियों तक को वेतन देने के लाले पड़ते जा रहे हैं।
मौजूदा समय में काफी संख्या में हिमुडा के पास फ्लैट व प्लॉट पड़े हैं, जिनकी बिक्री से खर्चा चल रहा है। ऐस में अब हिमुडा कारोबार को बदलने की तैयारी में है, ताकि उसका काम चल सके।