अब पंचायत के राहत कार्यों में नहीं , सीएम राहत कोष को 20 - 20 हजार देगी पंचायतें
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 31-March-2020
हिमाचल सरकार ने पंचायतों को अपने स्तर पर लोगों के लिए राशन, सैनिटाइजर और मास्क खरीदने पर रोक लगा दी है। सरकार को आशंका है कि कोरोना के चलते पंचायतें इस फंड में हेराफेरी कर सकती हैं।
सरकार को लाहौल से अपने स्तर पर समान खरीदने की शिकायत मिली है। इसके बाद राशि खर्च करने पर रोक लगाई गई है। सरकार ने सभी पंचायतों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने फंड से मुख्यमंत्री राहत कोष में 20-20 हजार रुपये जमा करें।
हिमाचल की तकरीबन सभी पंचायतों के पास सवा फंड में लाखों रुपये की राशि है। प्रदेश में कई ऐसी भी पंचायतें हैं, जिनके पास 10 लाख व इससे भी अधिक राशि है।
पंचायतों के पास यह राशि शराब की एक बोतल पर एक रुपया मिलने, दुकानों, जमीन को किराये पर देने, मेलों से जमा हुई है। इस राशि से पंचायतें मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसा देंगी।
पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि पंचायतों को सवा फंड से मुख्यमंत्री राहत कोष में 20-20 हजार राशि देने के निर्देश जारी किए हैं। पंचायतों को इस फंड से पैसा खर्चने को मना किया गया है।
राज्य के सभी पंचायत प्रधानों और सचिवों को अपने क्षेत्रो में कोरोना वायरस से बचाव को क्षेत्र में नियिमत गतिविधियां चलाने के निर्देश दिए हैं। राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के सचिव ने सभी पंचायतों को लिखित फरमान भी जारी किए हैं।
ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के सचिव आरएन बत्ता ने सभी पंचायतों के प्रधानों और पंचायत सचिवों को यह निर्देश दिए हैं। इस संबंध में सचिव ने सभी खंड विकास अधिकारियों को पत्र भी भेजे हैं।
इस पत्र कोरोना से बचाव को लोगों को जागरुक करने को अपने घरों से बाहर निकलकर पंचायत क्षेत्र में गतिविधियां चलाने को कहा है।
पंचायतों में चलाई जा रही रोज की गतिविधियों की तस्वीरें भी सरकार से साझा करने को कहा गया है।
सचिव ने साफ शब्दों में कहा है कि पंचायत प्रधान और पंचायत सचिव अगर कोरोना से बचाव के लिए अपने इलाकों में कोई गतिविधियां चलाते हैं तो उस दौरान स्वास्थ्य विभाग के दिशानिर्देश का भी सख्ती से पालन करना होगा।