यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 22-10-2020
हिमाचल में अब नर्सिंग कॉलेजों और स्कूलों को आधारभूत ढांचा विकसित करना होगा। ऐसा न करने पर संस्थान की मान्यता को रद्द कर दिया जाएगा। निजी नर्सिंग कॉलेज की छात्राएं अब मेडिकल कॉलेज में प्रैक्टिकल और परीक्षण लेने नहीं आ सकेंगी। इसके लिए प्रबंधन को खुद टीचिंग फैकल्टी के अलावा अन्य व्यवस्था करनी पड़ेगी।
सरकार ने कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से नर्सिंग स्कूल और कॉलेजों के लिए गाइडलाइन तैयार की गई है। इसमें स्वास्थ्य संस्थानों के लिए आधारभूत ढांचा, सीट और टीचिंग फैकल्टी, लैब आदि शर्तों को अनिवार्य किया गया है। जिन संस्थानों के पास यह आधारभूत ढांचा नहीं होगा, उन कॉलेजों को बंद कर दिया जाएगा।
सरकार नए संस्थान खोलने के बजाय पहले से चल रहे संस्थानों को सुदृढ़ करने जा रही है। प्रदेश में वर्तमान में 56 नर्सिंग कॉलेज और स्कूल हैं। इनमें करीब 47 निजी नर्सिंग स्कूल हैं, जबकि अन्य सरकारी हैं। हिमाचल के इन नर्सिंग संस्थानों से हर साल करीब 4000 छात्राएं पास आउट होती हैं। सूबे में हजारों लड़कियों ने नर्सिंग कोर्स किया है, लेकिन उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिली है।
अधिकांश लड़कियां निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रही हैं। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि निजी नर्सिंग कॉलेज के पास अपना आधारभूत ढांचा होना अनिवार्य किया है। मेडिकल कॉलेज में निजी नर्सिंग कॉलेज की छात्राएं प्रैक्टिकल, प्रेक्टिस के लिए नहीं आएंगी।