आरबीआई के नियम नहीं मान रही हमीरपुर की 140 सहकारी सभाएं , गैर सदस्यों के जमा किये 44 करोड़

आरबीआई की डायरेक्शन और बैंकिंग विनियमन अधिनियम-1949 में किए गए संशोधन के बावजूद हिमाचल प्रदेश की कुछ सहकारी सभाएं सहकारिता विभाग के आदेशों को नहीं मान रही हैं। ऐसे में अब विभाग ऐसी सोसायटियों के खिलाफ कार्रवाई

आरबीआई के नियम नहीं मान रही हमीरपुर की 140 सहकारी सभाएं , गैर सदस्यों के जमा किये 44 करोड़

यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर   21-05-2022

आरबीआई की डायरेक्शन और बैंकिंग विनियमन अधिनियम-1949 में किए गए संशोधन के बावजूद हिमाचल प्रदेश की कुछ सहकारी सभाएं सहकारिता विभाग के आदेशों को नहीं मान रही हैं। ऐसे में अब विभाग ऐसी सोसायटियों के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना रहा है। 

बता दें कि अधिनियम में किए गए संशोधन के अनुसार सहकारी समितियां अब गैर-सदस्यों का पैसा अपनी सोसायटी में जमा नहीं कर सकेंगी। यही नहीं, सभा के जिन सदस्यों ने 18 आयु वर्ग से कम उम्र के अपने जिन बच्चों के खाते सभाओं में खोल रखे थे, वे भी मान्य नहीं होंगे। उनका खाता क्लोज करना पड़ेगा और जो भी पैसा जमा है, उसे वापस लौटाना पड़ेगा। 

विभागीय अधिकारियों की मानें तो उनके ध्यान में आया है कि जिला की कुछ सहकारी समितियां अभी भी गैर-सदस्यों, नाममात्र सदस्यों व सहयोगी सदस्यों से जमा राशि स्वीकार कर रही हैं, जो बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 तथा बैकिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट्स स्कीम्स अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन है। ऐसी समितियों के प्रबंधन एवं कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें 10 वर्ष का कारावास तथा सात लाख से लेकर जमा राशि के दो गुना तक के जुर्माने का प्रावधान है। 

बता दें कि किसी भी सहकारी सभा के अंतर्गत चिन्हित कुछ गांव या क्षेत्र के लोगों को ही उस सभा का सदस्य बनाए जाने का प्रावधान किया गया है, लेकिन कई सोसायटियों में निजी कारणों से उन लोगों ने भी पैसा जमा करवा दिया था, जो उस सभा के सदस्य नहीं हैं। इससे वे भी किसी न किसी रूप में बेनिफिट ले लेते थे और सोसायटियों का भी कारोबार बढ़ रहा था। आरबीआई ने इसे बैड प्रैक्टिस बताया और तुरंत बंद करने के आदेश जारी किए थे। 

सहायक पंजीयक एवं समाहर्ता, सहकारी सभाएं हमीरपुर प्रत्युष चौहान ने बताया कि जिला की सभी सहकारी सभाओं के पदाधिकारियों को चेतावनी दी है कि गैर-सदस्यों, नाममात्र सदस्यों या सहयोगी सदस्यों से जमा राशि स्वीकार करने वाली सभाओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में 10 वर्ष का कारावास तथा सात लाख से लेकर जमा राशि के दो गुना तक जुर्माने का प्रावधान है