न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 17-06-2021
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने देश भर में सभी वाहनों के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट ( प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र ) बनाने और पीयूसी डेटाबेस को राष्ट्रीय रजिस्टर से जोड़ने के लिए एक अधिसूचना जारी की है। सड़क मंत्रालय द्वारा केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में बदलाव के बाद, क्यूआर कोड पीयूसी फॉर्म पर प्रिंट होगा और इसमें वाहन, मालिक और उत्सर्जन की स्थिति की जानकारी होगी।
सरकार के इस कदम से देशभर में एक समान प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र की शुरुआत की जाएगी। सरकार ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। बयान में कहा गया है कि रिजेक्शन स्लिप का प्रावधान पहली बार किया जा रहा है। अगर किसी के वाहन का प्रदूषण स्तर तय मानकों से ज्यादा है तो वाहन मालिक को रिजेक्शन स्लिप दी जाएगी।
वाहन मालिक गाड़ी की सर्विसिंग के वक्त सर्विस सेंटर में इस स्लिप को दिखा सकते हैं। अगर प्रदूषण मापने वाली मशीन खराब है तो वाहन मालिक किसी अन्य केंद्र में जा सकते हैं। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के तहत देश भर में जारी किए जाने वाले पीयूसी प्रमाणपत्र के एक सामान्य प्रारूप के लिए 14 जून, 2021 को एक अधिसूचना जारी की है।
बयान के मुताबिक, नए पीयूसी में वाहन मालिक का मोबाइल नंबर, नाम और पता, इंजन नंबर और चेसिस नंबर होगा। इसमें कहा गया है कि मालिक का मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया गया है, जिस पर सत्यापन और शुल्क के लिए एक एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा। इससे वाहन की अहम जानकारी की गोपनीयता बनाई रखी जा सकेगी। इसमें अंतिम के चार अंक ही दिखाई देंगे, बाकी नंबर नहीं दिखेंगे।
बयान के अनुसार, यदि प्रवर्तन अधिकारी के पास यह मानने का कारण है कि एक मोटर वाहन उत्सर्जन मानकों के प्रावधानों का अनुपालन नहीं कर रहा है, तो वह लिखित रूप में या इलेक्ट्रॉनिक मोड के जरिए ड्राइवर या वाहन के प्रभारी व्यक्ति को वाहन को अधिकृत पीयूसी परीक्षण स्टेशनों में से किसी एक में परीक्षण करने के लिए कह सकता है। यदि चालक या वाहन का प्रभारी व्यक्ति इसके लिए वाहन पेश करने में नाकाम रहता है, तो वाहन का मालिक पेनाल्टी के भुगतान के लिए उत्तरदायी होगा।
परमिट भी निलंबित हो सकता है। अगर मालिक इसका पालन करने में विफल रहता है, तो पंजीकरण प्राधिकारी, लिखित रूप में दर्ज किए जाने वाले कारणों के लिए, वाहन के पंजीकरण के प्रमाण पत्र और किसी भी परमिट को तब तक निलंबित कर देगा, जब तक कि एक पीयूसी प्रमाण नहीं मिल जाता। बयान में कहा गया है कि प्रवर्तन करने वाले अधिकारी आईटी से लैस होंगे और इससे प्रदूषणकारी वाहनों पर बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।