एक साथ लंपी वायरस की चपेट में आये 70 मवेशी , संगड़ाह के पशुपालकों में दहशत

विभाग द्वारा 800 पशुओं का किया जा चुका है टीकाकरण  , कोरोना मरीजों की तरह बीमार पशुओं को किया जा रहा आइसोलेट 

एक साथ लंपी वायरस की चपेट में आये 70 मवेशी , संगड़ाह के पशुपालकों में दहशत

लाल सिंह शर्मा - संगड़ाह  01-09-2022
 
पशुपालन विभाग उपमंडल संगड़ाह के किसान अथवा पशुपालक इन दिनों क्षेत्र में तेजी से फैल रही लम्पी वायरस त्वचा रोग से चिंतित हैं। पशु चिकित्सालय संगड़ाह व माईना के आस-पास जहां 70 पशु इस चर्म रोग की चपेट मे आ चुके हैं, वहीं नौहराधार अस्पताल के पशु  चिकित्सक डा. अमित वर्मा के अनुसार लाना-चेता में 17 व भराड़ी में 4 गाय-भैंस लंपी ग्रस्त है, जिनका इलाज चल रहा है। 
 
 
उपमंडल के गर्म व नदी-नालों के साथ लगते ज्यादा आर्द्रता वाले गांवों मे यह रोग तेजी से फैल रहा है। बीमार पशुओं में तेज बुखार, चमड़ी में गांठे पड़ना , लंगड़ाकर चलना व बार-बार गर्दन हिलाना जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार नई तरह की इस बीमारी की दवा आना बाकी है और गोट पॉक्स से इसके लिए प्रभावित क्षेत्र में टीकाकरण किया जा रहा है। 
 
 
गौरतलब है कि पशुपालन उपमंडल संगड़ाह में गाय-भैंस की संख्या 48,000 के करीब है और काफी परिवारों की आमदनी का जरिया दूध, घी व पनीर जैसे मिल्क प्रोडक्ट है। ऐसे में पशुपालक मक्खियों व वायरस से फैल रही इस बीमारी से चिंतित है और सरकार से सभी मवेशियों के बचाव के लिए टीकाकरण की मांग सरकार से कर रहे हैं। विभाग द्वारा कोविड मरीजों की तरह बीमारी की चपेट में आए मवेशियों को आइसोलेशन में इलाज किया जा रहा है। 
 
 
उप मंडल पशु चिकित्सालय संगड़ाह के डॉ. अक्षय ने बताया कि संगड़ाह व माईना अस्पताल के आस-पास 800 मवेशियों का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यहां 70 मवेशी लम्पी रोग से ग्रस्त हैं और मैदानी इलाकों की बजाय इलाके में बीमारी का प्रभाव कम है। वरिष्ठ पशुपालन अधिकारी डॉ. अक्षय ने कहा कि पशुपालकों को लंपी से घबराने की जरूरत नही है और विभाग सभी एहतियात बरत रहा है।