विद्युत परिषद् की मनमानी से तीन वर्षों से एक भी मांग नहीं हुई पूरी : एसोसिएशन

विद्युत परिषद् की मनमानी से तीन वर्षों से एक भी मांग नहीं हुई पूरी : एसोसिएशन

एक सप्ताह में मांगे नहीं मानी तो शिमला में होगा प्रदर्शन

यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन   11-09-2020

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड कनिष्ठ अभियंता/ अतिरिक्त अभियंता, आईटीआई डिप्लोमा/ नॉन डिप्लोमा एसोसिएशन ने कहा कि सरकार का समर्थक संगठन होते हुए भी विद्युत परिषद् प्रबंधन की मनमानी से तीन वर्षों एक भी मांग सिरे नहीं चढ़ पाई। 

इससे एसोसिएशन में रोष पनप रहा है। जारी बयान में एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष इंजीनियर जेसी शर्मा ने संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों महासचिव रोहिताश शर्मा, देवेंद्र कंवर वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेंद्र चौधरी, उपाध्यक्ष रणवीर चौहान, उपाध्यक्ष  रायसिंह, संगठन सचिव लायक राम शर्मा, कार्यालय सचिव दीनानाथ ठाकुर, मुख्य सलाहकार ओम प्रकाश राणा के साथ बैठक की। बैठक में प्रदेश कार्यकारिणी नेे नाराजगी जताई कि उनकी जायज मागों पर प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है। 

एसोसिएशन पदाधिकारियों ने कहा कि विद्युत परिषद् प्रबंधन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी आदेशों को भी ठेंगा दिखा रहा है।  

प्रदेशाध्यक्ष  जेसी शर्मा ने कहा कि बोर्ड प्रबंधन ने पिछले महीने हुई वरचुल मीटिंग में संघ के पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मानी हुई मांगों के आदेश 10 सितंबर तक जारी कर दिए जाएंगे।  

इसके चलते संगठन ने 25 अगस्त के प्रस्तावित धरना प्रदर्शन को स्थगित कर दिया था। शर्मा ने कहा की विद्युत् परिषद् प्रबंधन अब मांगे मानने को लेकर आनाकानी कर रहा है।

उन्होंने कहा की कोविड -19 और सरकार से अच्छे सम्बन्ध होने के चलते संघ शांतिपूर्ण अपनी मांगे मनाने का प्रयास कर रहा है।  

शर्मा ने कहा कि यदि विद्युत् परिषद् प्रबंधन ने संघ की मांगों का एक सप्ताह के भीतर नहीं माना तो 17 सितम्बर को  विद्युत् परिषद् भवन शिमला के बाहर सांकेतिक प्रदर्शन किया जाएगा। जरूरत पडऩे पर इसे बढ़ाया भी जाएगा।  

इस संदर्भ में  विद्युत् परिषद् प्रबंधन को नोटिस भेजा गया है। उन्होंने कहा कि संगठन में जुड़े हजारों सदस्य द्वारा संघ से आग्रह किया गया है कि अगर प्रबंधन जल्दी आदेश जारी नहीं करता तो बोर्ड प्रबंधन के खिलाफ कड़ा फैसला लिया जाए और मुख्यमंत्री  को उनकी बेरुखी से अवगत करवाया जाए। हमारी पदोन्नत सबसे शोषित श्रेणी है। 

बोर्ड में डिप्लोमा कनिष्ठ अभियंता को 100 फीसदी 9/16 वर्ष का सेवा लाभ दिया जा चुका है। परंतु हमें इससे वंचित रखा गया है जो कि हमारे साथ सरकार अन्याय है। 

हमारा संगठन सरकार का समर्थक संगठन है,लेकिन फिर भी वह संगठन के उचित कार्य नहीं कर रहे। इस पर सरकार को कड़ा संज्ञान लेना होगा। प्रबंधन की कार्य शैली सरकार और पदोन्नति कनिष्ठ अभियंता के बीच खाई पैदा करने का कार्य कर रही है।