एक्सटर्नल एडेड प्रोजेक्टों पर सरकार का फोकस, बजट के लिए 21 को दिल्ली जाएंगे वित्त सचिव

राज्य की देनदारियों के बीच हिमाचल सरकार के खजाने पर बोझ बढ़ता जा रहा है। नया पे-कमीशन लागू होने और जीएसटी कंपनसेशन बंद होने के बाद स्थितियां और खराब हो गई हैं

एक्सटर्नल एडेड प्रोजेक्टों पर सरकार का फोकस, बजट के लिए 21 को दिल्ली जाएंगे वित्त सचिव


यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  19-11-2022

 

राज्य की देनदारियों के बीच हिमाचल सरकार के खजाने पर बोझ बढ़ता जा रहा है। नया पे-कमीशन लागू होने और जीएसटी कंपनसेशन बंद होने के बाद स्थितियां और खराब हो गई हैं। ऐसे में राज्य सरकार की अफसरशाही ने बाह्य वित्त पोषित यानी एक्सटर्नल एडेड परियोजनाओं पर ज्यादा फोकस किया है। हिमाचल में दरअसल दो तरह से सरकार से बाहर अन्य वित्तीय एजेंसियों से पैसा आता है। 

 

इनमें कुछ मल्टीलेटरल एजेंसियां हैं, तो कुछ बाइलेटरल हैं। वर्तमान में इन फंडिंग एजेंसियों के माध्यम से हिमाचल में 12000 करोड़ के प्रोजेक्ट कई सरकारी महकमों के तहत चल रहे हैं। भारत सरकार ने अगले आम बजट से पहले इन्हीं एजेंसियों के साथ एक प्रारंभिक बैठक राज्यों के साथ बुलाई है। 21 और 22 तारीख को यह बैठक दिल्ली में होंगी। इन बैठकों के लिए राज्य के फाइनेंस सेक्रेटरी प्रबोध सक्सेना पांच विभागों के निदेशकों की टीम के साथ दिल्ली जा रहे हैं। इसमें कृषि, बागवानी , पीडब्ल्यूडी , जल शक्ति और पर्यावरण विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। 

 

इन सभी विभागों में वर्तमान में इन्हीं फंडिंग एजेंसियों के माध्यम से प्रोजेक्ट भी चल रहे हैं। इस बैठक में फंडिंग एजेंसियों में वर्ल्ड बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक और न्यू डेवलपमेंट बैंक जानी एनडीबी के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। वर्तमान में एनडीबी के माध्यम से जल शक्ति विभाग में प्रोजेक्ट चल रहा है, जबकि एडीबी के प्रोजेक्ट पर्यटन, बागवानी और स्किल डेवलपमेंट में चल रहे हैं। वर्ल्ड बैंक के माध्यम से शिमला में वाटर सप्लाई के अलावा बागवानी में हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट, वित्त विभाग के कोषागार में पीएफएमएस के अलावा पीडब्ल्यूडी और फॉरेस्ट में भी प्रोजेक्ट चल रहे हैं। 

 

इसी तरह बाइलेटरल फंडिंग एजेंसियों में एएफडी के माध्यम से जल शक्ति विभाग में नेगोशिएशन चल रही है और केएफडब्ल्यू फॉरेस्ट और एनवायरमेंट में चर्चा कर रहा है। जायका का प्रोजेक्ट फॉरेस्ट और एग्रीकल्चर में चल रहा है, जबकि जीटीजेड वन विभाग में एक प्रोजेक्ट में नेगोशिएशन कर रहा है। ये फंडिंग एजेंसियां कुछ समय के बाद पॉलिसी रिव्यू करती हैं और अपने फ्रेमवर्क के अनुसार किसी नए क्षेत्र या सब्जेक्ट को फंडिंग के लिए अपने दायरे में लेती हैं। 

 

इसी पर राज्यों से भी राय ली जाती है, जिसके लिए राज्य सरकार के अफसरों की टीम दिल्ली अब जा रही है। हालांकि इसके बाद 25 नवंबर को राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ भी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बैठक करेंगी, जिसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी दिल्ली जा रहे हैं।