एडीए के तबादले पर प्रधान सचिव गृह सहित सहायक एवं उप जिला न्यायवादी को अवमानना नोटिस जारी
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अदालती आदेशों की अवमानना पर कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने एडीए के स्थानांतरण मामले में प्रधान सचिव गृह सहित सहायक एवं उप जिला न्यायवादी को अवमानना नोटिस जारी किया है। अदालत ने उप जिला न्यायवादी किशन सिंह वर्मा और सहायक जिला न्यायवादी श्वेता सडयाल की जॉइनिंग पर रोक लगा दी
यंगवर्ता न्यूज़ - शिमला 04-05-2023
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अदालती आदेशों की अवमानना पर कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने एडीए के स्थानांतरण मामले में प्रधान सचिव गृह सहित सहायक एवं उप जिला न्यायवादी को अवमानना नोटिस जारी किया है। अदालत ने उप जिला न्यायवादी किशन सिंह वर्मा और सहायक जिला न्यायवादी श्वेता सडयाल की जॉइनिंग पर रोक लगा दी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि पद पर अधिकारियों ने ज्वाइन कर लिया है तो उनके कर्तव्य निर्वहन पर रोक रहेगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 9 मई को निर्धारित की है।
खंडपीठ ने अपने आदेशों में कहा कि अदालत के स्पष्ट आदेशों के बावजूद प्रधान सचिव गृह ने 24 अप्रैल को अधिसूचना जारी की है। अदालत ने कहा कि आदेश पारित होने तक किसी भी उप एवं सहायक जिला न्यायवादी का तबादला रद्द या संशोधित नहीं किया गया था। यह जानकारी 24 अप्रैल को अदालत में उपस्थित जगदीश कंवर संयुक्त निदेशक और आरएस परमार निदेशक अभियोजन ने अदालत को दी थी। अदालत ने हैरानी जताते हुए कहा कि प्रधान सचिव गृह ने स्पष्ट आदेशों के बावजूद उप जिला न्यायवादी किशन सिंह वर्मा और सहायक जिला न्यायवादी श्वेता सडयाल को समायोजित करने के लिए 24 अप्रैल को अधिसूचना जारी की है।
इस अधिसूचना के तहत राज्य सरकार ने दो न्यायवादियों के तबादला आदेश रद्द कर दिए थे। भले ही अभियोजन विभाग की मौजूदगी में 24 अप्रैल को ही अदालत ने उन सहायक या उप जिला न्यायवादी को 48 घंटे के भीतर ज्वाइन करने के आदेश दिए थे, जिन्होंने तबादला आदेशों के बावजूद अपना कार्यभार नहीं संभाला था। उप जिला न्यायवादी किशन सिंह वर्मा का तबादला 13 मार्च 2023 को आबकारी एवं कराधान कार्यालय शिमला से जिला न्यायवादी कार्यालय सिरमौर किया गया था। इसी तरह श्वेता सडयाल को भी उपायुक्त कार्यालय शिमला से जिला न्यायवादी कार्यालय मंडी स्थानांतरित किया गया था।
सचिव गृह ने किशन सिंह वर्मा का तबादला रद्द कर दिया और श्वेता सडयाल को एचपीपीसीएल शिमला में समायोजित किया गया। 24 अप्रैल को अदालत ने पाया था कि वे उप एवं सहायक जिला न्यायवादी मनपसंद स्थानों में तैनाती के लिए राजनीतिक दबाव बना रहे हैं, जिससे अदालतों की कार्यवाही प्रभावित हो रही है। अदालत ने आदेश दिए थे कि जिन न्यायवादियों को 13 और 31 मार्च की अधिसूचना के तहत नियुक्त या स्थानांतरित किया गया था, वे 48 घंटे के भीतर ज्वाइन करें। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था कि ज्वाइन न करने की स्थिति में इन्हें निलंबित किया जाए और विभागीय कार्रवाई की जाए।