काजा में लोगों को महंगा पड़ा मंत्री को रोकना, छह के खिलाफ पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

काजा में लोगों को महंगा पड़ा मंत्री को रोकना, छह के खिलाफ पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू 13- 06-2020

कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय को रोकने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। पुलिस ने मंत्री को रोकने व काजा में प्रवेश न करने को लेकर सरकारी कर्मचारियों सहित करीब छह लोगों पर मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने से लोगों में भारी रोष है।

गौर हो कि नौ जून को अपने गृह विधानसभा क्षेत्र काजा गए कृषि मंत्री को लोगों ने रोक दिया था तथा कोविड 19 को लेकर जारी दिशा निर्देश के पालन का हवाला देते हुए काजा में प्रवेश की अनुमति नहीं दी थी। काजा की यह घटना सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई थी।

सोशल मीडिया में जारी वीडियो को आधार मानते हुए पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। एसपी लाहुल-स्पीति राजेश धर्माणी ने बताया कि घटना में संलिप्त सरकारी कर्मचारियों सहित आधा दर्जन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि वीडियो के आधार पर मामले की छानबीन की जा रही है।

केंद्र सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्र की समदो ग्रांफु सड़क को बीआरओ से हटाकर लोक निर्माण विभाग को दे दिया। बीआरओ में स्पीति के करीब 600 लोग काम करते थे।

हालांकि जब सड़क पीडब्लूडी के हवाले की तो मात्र 213 लोग ही नियमित काम कर रहे थे। लेकिन सीजन में बीआरओ 600 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहा था। सड़क पीडब्लूडी को चली जाने से बीआरओ में काम करने वाले सभी लोग बेरोजगार हो गए।

बेरोजगार हुए लोग छह जून को काजा में भूख हड़ताल पर बैठ गए। नौ जून को मंत्री डॉक्‍टर रामलाल स्पीति आए तो बेरोगजार हुए लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने मंत्री को कोविड-19 के नियमों का हवाला देते हुए काजा आने से ही रोक दिया। हालांकि बाद में मंत्री द्वारा बेरोजगारों को रोजगार देने का आश्वासन देने के बाद मजदूरों ने भूख हड़ताल खत्म कर दी।