केंद्र सरकार के खिलाफ सड़को पर उत्तरी ट्रेड यूनियन, प्रदेश भर में जमकर  नारेबाज़ी

केंद्र सरकार के खिलाफ सड़को पर उत्तरी ट्रेड यूनियन, प्रदेश भर में जमकर  नारेबाज़ी

यंगवार्ता न्यूज़ - चंबा  26-11-2020

संयुक्त ट्रेड यूनियन व कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स यूनियन और मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन (संबंधित सीटू) ने आज पुरे देश में हड़ताल की। शिमला , सिरमौर , सोलन, कुल्लू , हमीरपुर , काँगड़ा और चंबा में रैली निकाल कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। चम्बा में इरावती होटल से लेकर नगर परिषद कार्यालय तक रैली निकाली गई।

 सीटू के महासचिव सुदेश ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने जनता से जो वादे किए थे, उनमें से अधिकतर को पूरा नहीं किया गया है। महंगाई आसमान छू रही है और युवा वर्ग रोजगार को तरस रहा है। रसोई गैस इतनी महंगी कर दी गई है कि आम जनता की पहुंच से बाहर हो रही है। उन्होंने मांग की कि आशा कार्यकत्र्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं, सहायिकाओं, मिड-डे मील कार्यकत्र्ताओं और सिलाई अध्यापकों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए।

उनका न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये प्रति माह किया जाए। उन्होंने पुरानी पेंशन बहाली और प्रदेश में ठेका प्रथा को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा कि ठेका प्रथा का लाभ बिचौलियों को हो रहा है। पहले बीस कामगारों को नियोजित कराने वाली एजेंसी पर ठेका अधिनियम प्रभावी होता था।

अधिनियम के अनुसार श्रमिकों को वेतन व सुविधाएं मिलने का अधिकार था। अब यह सीमा 50 कर्मचारियों तक बढ़ा दी गई है। इसके कारण कम संख्या के ठेका श्रमिकों को कई सुविधाओं से वंचित कर दिया गया है। यूनियन कई बार मांगों को पूरा करने की गुहार लगा चुकी है लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही है।

मजदूरों की मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो वे सड़क पर उतर आएंगे। केंद्र सरकार योजना कर्मियों जैसे आंगनबाड़ी, मिड-डे मील व आशा कार्यकत्र्ताओं के खिलाफ नीति बना रही है। इनके बजट में भी कटौती की गई है। उन्हें न तो सरकारी कर्मचारी बनाया गया है और न ही पेंशन सुविधा दी गई है। इससे इस क्षेत्र में कार्य करने वाली महिलाओं में रोष है।