कैंपा से बदलेगी वनों की तक़दीर,1660 करोड़ से हिमाचल में आएगी हरियाली
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 23-11-2020
हिमाचल प्रदेश में 1660 करोड़ से वनों का बेहतर प्रबंधन होगा। इससे विकास योजनाओं के लिए कट रहे पेड़ों से हुए पर्यावरण के नुकसान की भरपाई हो सकेगी। हरित आवरण में बढ़ोत्तरी होगी। इसके लिए मौजूदा वित्त वर्ष में मार्च माह तक 158 करोड़ खर्च होंगे। अब तक 26 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए हैं। अगले माह नए वित्त वर्ष 2021-22 के लिए नया प्लान तैयार होगा।
इसे पहले स्वीकृति के लिए राज्य की अथॉरिटी कार्यकारी कमेटी, स्टीयरिंग कमेटी के बाद राष्ट्रीय अथॉरिटी के पास भेजा जाएगा। तीनों जगहों से स्वीकृति मिलने के बाद प्लान जमीन पर उतारा जा सकेगा। पैसा सही तरीके से खर्च हो, इसके लिए अधिकारियों की टीम प्रभावी निगरानी करेगी। ऐसा क्षतिपूर्ति वनीकरण प्रबंधन और नियोजन अधिकरण (कैंपा) फंड से संभव होगा। इसके तहत वनों में चेकडैम व तालाबों का निर्माण होगा व पौधारोपण किया जाएगा। किसी भी प्रोजेक्ट के लिए काटे पेड़ों के तीन गुना अधिक नए पौधे रोपे अनिवार्य है।
कैंपा फंड का दुरूपयोग न हो, इसके लिए थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग की जा रही है। अब तक का कैंपा का अनुभव बताता है कि नए रोपे पौधों में से 50 से 60 फीसद ही जीवित रहते हैं। वन विभाग सभी योजनाओं के तहत हर साल करीब एक करोड़ पौधों का रोपण करता है, लेकिन इसकी जीवित प्रतिशतता काफी कम रहती है। कैंपा फंड केंद्र सरकार के खाते में जमा था। यह राज्य के पास सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद आया। जब तक यह पैसा चरणबद्ध तरीके से खर्च नहीं होता, तब तक बैंक से ब्याज मिलता रहेगा।
असल में अगर प्रदेश में कहीं भी कोई प्रोजेक्ट लगता है और इसमें पेड़ काट जाने हो तो उचित अथॉरिटी के माध्यम से स्वीकृति मिलने के बाद डवेलपर को प्रति हेक्टेयर वन भूमि पर काटे जाने वाले पेड़ों के बदले छह से साढ़े आठ लाख रुपये नेट प्रेजेंट वेल्यू (एनपीवी) के तौर पर जमा करवाने होते हैं। इसी तरह से दस मेगावॉट से अधिक पावर प्रोजेक्ट के मामले में कुल प्रोजेक्ट लागत का डेढ़ फीसद पैसा कैचमेंट एरिया डवेलपमेंट प्लान (कैट प्लान) के लिए जमा करवाना होता है।
जहां प्रोजेक्ट लगना हो उसके आसपास की वन भूमि में हरियाली बढ़ाने, भूसंरक्षण कार्यों पर यह पैसा बाद में खर्च होगा। पीसीसीएफ वन विभाग डा. सविता शर्मा का कहना है प्रदेश में ग्रीन कवर को बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। कैंपा फंड के तहत कई तरह की गतिविधियां चलाई गई हैं। 1660 करोड़ एक साथ केंद्र से जारी हुआ था। अब इसे प्लान के हिसाब से चरणबद्ध तरीके से खर्चा जाएगा।