यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 03-12-2020
हिल्स क्वीन शिमला कोरोना हॉट स्पाट बन गई है। आलम यह है कि अब सैलानी भी यहां आने से कतराने लगे हैं। प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज पहाड़ों की रानी शिमला की शुद्ध आबोहवा में फ़ुरसत के पल बिताने के लिए हर साल हजारों की तादाद में सैलानी आते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। होटल खाली पड़े हैं।
कोरोना के मामलों की बढ़ने की रफ्तार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अक्तूबर में जहां 1800 एक्टिव केस थे वहीं एक माह बाद नवंबर में यह मामले 7500 से पार चले गए। इसका पर्यटन कारोबार पर भारी असर पड़ा है। शुरू में कोरोना को लेकर सरकार की तरफ से बरती सख्ती के अच्छे परिणाम निकले थे। जिले में एक भी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई थी।
दूसरे जिलों से लगातार मामले आ रहे थे। शिमला जिले में पहला मामला 24 मई को आया था। महामारी की रोकथाम की जगह सरकार भी तबादलों की राजनीति में फंसकर रह गई। इतने मामले सामने आने के बाद भी प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। कोरोना फैलने का मुख्य कारण राजनीतिक दबाव में शोघी से बैरियर हटा दिया। इसके बाद बेरोक-टोक बिना जांच के बाहर से लोग शहर में प्रवेश करने लगे।
बैरियर हटने से रेड जोन से आने वाले बाहरी लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। संस्थागत क्वारंटीन की व्यवस्था खत्म हो गई। कोरोनाकाल के शुरुआती दौर में व्यवस्था संभालने वाले डीसी और एसपी को बदल दिया।
करवाचौथ, दिवाली और शादी समारोह में आम जनता को खुली छूट देना, सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल न करना, बाजारों में भीड़ और बसों में ओवरलोडिंग शुरू हो गई। इससे मामले बढ़ते गए। आम लोगों की लापरवाही और मास्क न पहनने की आदत ने भी कोरोना को पांव पसारने का मौका दिया।