कॉरपोरेट घरानो के लिया लाया गया है बजट , किसान - बागबान दरकिनार  : माकपा 

कॉरपोरेट घरानो के लिया लाया गया है बजट , किसान - बागबान दरकिनार  : माकपा 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 01-02-2021

केंद्रीय बजट से हिमाचल प्रदेश के किसानों और बागवानों को मायूसी हाथ लगी है। हिमालयी राज्यों के बागवानों-किसानों के लिए बजट में विशेष व्यवस्था नहीं की गई है। बजट में किसान सम्मान निधि में वृद्धि न होने से किसान परेशान हैं। किसान और बागवान नेता मानते हैं कि नया बजट कॉरपोरेट बजट है। ऐसे में देश के किसानों-बागवानों की आय वर्ष 2022 में कैसे दोगुनी होगी।

 हिमाचल प्रदेश फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान ने कहा कि केंद्रीय बजट में कॉरपोरेट सेक्टर का ख्याल रखा गया है। सम्मान निधि नहीं बढ़ाई गई। वर्तमान में यह एक साल में छह हजार रुपये किसान सम्मान निधि दी जाती है। प्रदेश में तैयार फल और सब्जियों में से 25 फीसदी उत्पाद बाजार में बिकने से पहले ही खराब हो जाते हैं।

इनके विधायन के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का बजट में प्रावधान नहीं किया गया। कोल्ड चेन की दिशा में भी कोई घोषणा नहीं हुई। कृषि ऋण के लिए 16.5 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे किसानों को नहीं कॉरपोरेट सेक्टर को ही लाभ होगा। हिमाचल में गेहूं खरीद में एमएसपी का फायदा किसानों को नहीं मिलता है।

हिमाचल प्रदेश किसान संघर्ष समिति के महासचिव संजय चौहान ने कहा कि केंद्रीय बजट में किसानों और बागवानों की उपेक्षा की गई है। किसानों को बुनियादी ढांचा देने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है। फसलों के भंडारण के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है।