यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 18-08-2021
हिमाचल प्रदेश में आबकारी एवं कराधान विभाग जिसका अब नाम परिवर्तन हो चुका है के अधिकारियों ने सरकार को चूना लगा दिया। यह चूना भी कम नहीं, बल्कि करोड़ों रूपए की राशि का है, जिसका खुलासा महालेखाकार ने अपनी रिपोर्ट में किया है।
वर्ष 2016 से 2018 के बीच में 23 ऐसे शराब के ठेकेदार थे जिनसे 82.32 करोड़ रुपए की वसूली नहीं हो सकी। यह वसूली लाइसेंस फीस की थी, जिसे आबकारी महकमे के अधिकारी नियमानुसार नहीं कर सके।
कैग ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि मई 2018 व मार्च 2019 में नौ सहायक आबकारी एवं कराधान आयुक्तों के रजिस्टरों की पड़ताल से पता चला कि वर्ष 2016-18 के बीच में 1192 लाइसेंसधारियों में से 23 लाइसेंसधारियों यानी शराब ठेकेदारों से 334.68 करोड़ की लाइसेंस फीस वसूली जानी थी लेकिन इसके मुकाबले केवल 252.36 करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस ही वसूल हो सकी।