खुशखबरी : नौणी विवि ने बांस के पाउडर से तैयार किया फाइबर युक्त दूध-दही पनीर

इस पाउडर से बने केक या दूसरे बेकरी उत्पाद हैं स्वास्थ्यवर्धक 

खुशखबरी : नौणी विवि ने बांस के पाउडर से तैयार किया फाइबर युक्त दूध-दही पनीर
खुशखबरी : नौणी विवि ने बांस के पाउडर से तैयार किया फाइबर युक्त दूध-दही पनीर

 

यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन 17-02-2022

 

अगर आपका मन पौष्टिक दूध, दही, पनीर खाने का करता है तो आपके लिए सोलन स्थित डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के वैज्ञानिकों ने बांस से पाउडर ऐसे ही दूध , दही और पनीर तैयार किया है, जिसमें 70.25 फीसद तक फाइबर है। इस पाउडर से केक या दूसरे बेकरी उत्पादों को स्वास्थ्यवर्धक बनाया जा सकता है। दूध या इससे बनने वाले उत्पादों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं, जिन उत्पादों में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, उनमें भी इस पाउडर का प्रयोग किया जा सकता है।

 

विश्वविद्यालय के खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने बैंबू डायट्री फाइबर पाउडर तैयार किया है। इसके इस्तेमाल से ऐसी तमाम खाद्य वस्तुओं को फाइबर युक्त बनाया जा सकता है, जिनमें फाइबर की मात्रा शून्य या फिर बहुत कम होती है। खास बात यह है कि इस पाउडर को कई माह तक स्टोर करके रखा जा सकता। बैंबू डाइट्री पाउडर में पोटेशियम , कैल्शियम, मैगनीज, जिंक, कॉपर व आयरन भी पाया जाता है। यह पाउडर पाचन क्षमता को बढ़ाता है और पेट के रोगों के लिए भी लाभदायक है। इसके अलावा यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी कम करता है। हृदयघात का खतरा इसके नियमित सेवन से कम होता है। विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर डा. अंजू धीमान ने इस प्रोजेक्ट पर दो वर्ष तक शोध करने के बाद पाउडर बनाने की विधि तैयार की है। 

 

शोध करने के लिए वैज्ञानिकों ने हमीरपुर व कांगड़ा जिला से बांस के कोमल हिस्से एकत्रित किए। डेंड्रोकैलेमस हैमिल्टन, फोईलोस्टैचिस, डेंड्रोकैलेमस स्ट्रिक्ट, बंबुसा नूतन बांस की किस्मों को शोध में शामिल किया। शोध के दौरान पाया कि डेंड्रोकैलेमस हैमिल्टन में सबसे अधिक फाइबर व अन्य पोषक तत्व हैं। इस बांस के अंदर के कोमल हिस्सों को काटकर 24 घंटे तक पानी में रखा। फिर उबालने के बाद सुखा दिया और पीसने के बाद लैब में फाइबर व अन्य पोषक तत्वों को अलग किया।विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल ने बताया कि पाउडर बनाने की तकनीक को 40 हजार रुपये में बेचा जाएगा।

 

यदि किसी व्यक्ति को इस प्रकार का उत्पाद तैयार करना है तो उसके लिए विश्वविद्यालय से समझौता ज्ञापन करना होगा। सभी प्रकार की तकनीकी सहायता विज्ञानी प्रदान करेंगे। खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष डा. केडी शर्मा ने बताया कि बैंबू डायट्री फाइबर पाउडर का इस्तेमाल बेकरी उत्पादों में भी किया जा सकता है। बैंबू डायट्री फाइबर पाउडर बनाने का प्लांट लगाने के लिए मात्र एक लाख रुपये खर्च आएगा।

 

वैज्ञानिकों के अनुसार इसके लिए एक ड्रायर व एक ग्राइंडर की आवश्यकता होगी। हिमाचल प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में बांस पाया जाता है। ऐसे में कच्चे माल की कमी नहीं होगी। नौणी विश्वविद्यालय से तकनीक खरीदकर आप भी प्लांट लगा सकते हैं। इस पाउडर की डेयरी व बेकरी उत्पाद बनाने वाले उद्योगों को आपूर्ति की जा सकती है।